जमीन से जुड़े प्रकरणों में कार्यालयों के चक्कर काटने से मिलेगा छुटकारा
0 नए साफ्टवेयर से कामकाज में बदलाव की तैयारी
कोरबा। जमीन मामलों की सुनवाई के लिए लोगों को तहसील दफ्तरों में बार-बार नहीं जाना होगा। प्रकरण के हर स्टेप की जानकारी उन्हें ऑनलाइन मिलेगी। छत्तीसगढ़ सरकार राज्यभर में तहसील के कामकाज में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके लिए नया सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि नए नियम भी बना दिए गए हैं। जल्द ही इस पर दावा-आपत्ति मंगाई जाएगी।
प्रदेश के सभी जिलों में अब जमीन मामलों की सुनवाई हर हाल में छह महीने के भीतर करनी होगी। एक पेशी से दूसरी पेशी की तारीख 21 दिनों के अंदर ही देनी होगी। इतना ही नहीं जमीन से संबंधित पक्षकारों को पेशी की तारीख एसएमएस, व्हाट्सएप और ई-मेल से मिलेगी। ऐसी व्यवस्था छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार होने जा रही है। नए सिस्टम से छह महीने से एक साल में लंबित मामलों की संख्या लगभग शून्य हो जाएगी।आपत्तियों का निराकरण करने के बाद नए नियम और सिस्टम को हर हाल में एक से दो महीने में लागू कर दिए जाएंगे। अभी जमीन के मामलों की सुनवाई कई साल तक चलती रहती है। इस वजह से लोग सालों तहसील दफ्तरों के चक्कर काटते रहते हैं। इस तरह की परेशानियां अब खत्म हो जाएंगी। लोगों को जमीन संबंधित मामलों के लिए बार-बार आरआई या पटवारियों के पीछे नहीं जाना होगा।तहसील में जमीन के मामले दाखिल होने के साथ ही पक्षकारों को सूचना देने का काम शुरू कर दिया जाएगा। आमतौर पर लोग नोटिस लेने से बचते हैं। ऐसे में तहसील के चपरासी, पटेल या कोटवार से यह सूचना भिजवाई जाएगी। अगर वे नोटिस या सूचना नहीं लेते हैं तो उनके घर में सूचना चस्पा की जाएगी। इसे मान्य माना जाएगा। इसी तरह गवाहों को भी सूचना दी जाएगी। इसके अलावा एसएमएस व व्हाट्सएप से भी सूचना पहुंच जाएगी। ऐसे में कोई इनकार नहीं कर सकेगा कि सूचना नहीं दी गई। इससे सुनवाई की तारीखों पर असर नहीं होगा। सुनवाई तय तारीख को ही होगी।