नए साल मे चैतुरगढ़ की वादियों में पर्यटकों की रहेगी भीड़
प्राकृतिक छटा पर्यटकों को कर रही आकर्षित
कोरबा। जिले के धार्मिक पर्यटन स्थल चैतुरगढ में इन दिनों पर्यटक और भक्तों की भीड़ जुट रही है। यहां लोग ठंड में खुशनुमा मौसम का आनंद उठाने पहुंच रहे हैं।
चैतुरगढ़ को धार्मिक, ऐतिहासिक व पर्यटन स्थल के तौर पर जाना जाता है। यहां ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्व वाला हजार साल पुराना चैतुरगढ़ का किला स्थित है वहीं प्रकृति की सुरम्य वादी के बीच मां महिषासुर मर्दिनी का मन्दिर है जहां माता की अष्टभुजी प्रतिमा स्थापित है। साथ ही इतनी ऊंचाई पर जल से लबालब गरगज सरोवर का होना आश्चर्यचकित करता है। गुफा के भीतर भगवान महादेव का दरबार शंकर खोला, प्रकृति के दर्शन के लिए वाचिंग टावर, किले के चार दरवाजे आदि खूबियों के कारण यह स्थल पर्यटकों ,धार्मिक आस्था रखने वाले माता के भक्तों, इतिहासकारों और प्रकृति प्रेमियों को लगातार अपनी ओर आकर्षित करता है। वैसे साल में दो बार चैत्र और क्वांर नवरात्र पर्व पर नवरात्र महोत्सव का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर माता के भक्त बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वर्तमान युग में भाग दौड़ की जिंदगी से दूर हटकर लोग सुकून की तलाश करते हैं, ऐसे में चैतुरगढ़ सुंदर, सुलभ होने वाला खूबसूरत स्थल है। इसकी सुंदरता शीत ऋतु की इस खुशनुमा मौसम में और बढ़ जाती है। नदी पहाड़ झरनों के बीच सरई-साल के विशाल वृक्ष से आच्छादित हरी भरी वादियां,पशु- पक्षियों का कलरव और विभिन्न प्रकार के जीव जंतु आसानी से दिख जाते हैं। यही कारण है कि प्रदेश के कोने-कोने से श्रद्धालु और पर्यटक बड़ी संख्या में चैतुरगढ़ पहुंच रहे हैं। शनिवार -रविवार के अलावा अन्य छुट्टी के दिनों में संख्या कई गुना बढ़ जाती है। शीतकालीन अवकाश चल रहा है और नववर्ष का आगमन होने वाला है इससे शैक्षणिक टूर भी बढ़ रहे हैं।