कोरबा जिले में लिखी जा रही विकास की नई गाथा, अंधेरे से उजाले की ओर, हो रही विकास की नई भोर
कमलज्योति
कोरबा । समय का पहिया है, जो समय के साथ लगातार आगे ही बढ़ता जा रहा है। समय के साथ बदलते हुए परिवेश में आधुनिक आवश्यकताओं को ध्यान रखकर जिले के विकास को नई दिशा दी जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा न सिर्फ शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन में प्राथमिकता दी जा रही है, अपितु यहां की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर डीएमएफ की राशि का सदुपयोग भी पारदर्शिता के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क सहित अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में किया जा रहा है। अधोसंरचना के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करने के साथ ही जिले की पहचान विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार पहाड़ी कोरवा, बिरहारों को नौकरी देकर आर्थिक रूप से सक्षम बनाकर समाज की मुख्य धारा में जोड़ने की पहल की गई है। आंगनबाड़ी से लेकर विद्यालय के बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने जर्जर भवनों की जगह नये भवन, नाश्ता, शिक्षकों की भर्ती के साथ उच्च शिक्षा के लिए भी बेहतर प्रयास किये गये हैं। इन्हीं नये प्रयासों से यह कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में कोरबा जिले में विकास की नई भोर होगी।
जिले में शासन की योजनाओं के क्र्रि्रयान्वयन और डीएमएफ से हुए महत्वपर्ण कार्य- महतारी वंदन योजना – प्रदेश में मार्च 2024 से लगभग 70 लाख माताओं और विवाहित बहनों के खातों में प्रति माह महतारी वंदन योजना के माध्यम से 01 हजार की राशि अंतरित की जा रही है। कोरबा जिले में कुल 02 लाख 95 हजार 706 महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ दिया जा रहा है। अभी तक 10 किश्त खाते में दिए जा चुके हैं। इस राशि का उपयोग कर महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त बन रहीं हैं। उन्हें जरूरत के समय किसी से पैसा उधार लेने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
धान खरीदी – जिले में 14 नवंबर से धान खरीदी की प्रक्रिया जारी है। पंजीकृत लगभग 54 हजार किसानों से 03 लाख 20 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। किसानों से 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी जा रही है। किसान प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान बेच सकते हैं। धान की देश में सर्वाधिक कीमत छत्तीसगढ़ में है।
जल जीवन मिशन – जिले में 01 लाख 41 हजार घरों में जल जीवन मिशन के माध्यम से नल कनेक्शन प्रदान किया गया है। एकल ग्राम जल प्रदाय योजना मार्च 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 62 ग्रामों में हर घर जल का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। समूह जल प्रदाय योजना अंतर्गत कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा, कटघोरा, पाली विकासखण्ड के दूरस्थ क्षेत्रों के 245 ग्रामों तक पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य है। इस योजना में हसदेव बांगो बांध ऐतमानगर से पानी लेकर पाईप के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। इस योजना से 01 वर्ष के भीतर गुणवत्ता के साथ पूर्ण करते हुए दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है।
वय वंदन योजना – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 70 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त उपचार की सुविधाएं मुहैया कराने वय वंदन योजना प्रारंभ की गई है। जिले में लगभग 70 हजार हितग्राहियों को वय वंदन योजना से लाभान्वित करने का लक्ष्य है। सभी हितग्राहियों का आयुष्मान कार्ड बनाकर योजना से लाभान्वित किया जाएगा। वय वंदन योजना में 05 लाख रूपए तक उपचार की सुविधा है। वर्तमान में शिविर लगाकर कार्ड बनाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री आवास योजना – प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत जिले में 63 हजार आवास स्वीकृत किए गए। इस वर्ष 44 हजार पीएम आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिसमें से 20 हजार आवास हाथी प्रभावित क्षेत्र में स्वीकृत है। हाथी प्रभावित क्षेत्र में पीएम आवास योजना के तहत पक्का मकान बनने पर ग्रामीणों का भय खत्म होगा और हाथी से जानमाल का नुकसान भी नहीं होगा।
प्रधानमंत्री जनमन योजना– प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत जिले के सभी पात्र हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र का वितरण, आयुष्मान कार्ड बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के पहाड़ी कोरवाओं, बिरहोरों के 43 बसाहटों को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री सड़क योजना के माध्यम से 36 सड़कों की स्वीकृति प्रदान की गई है। कुल 140.63 किलोमीटर की सड़क इस योजना से बनाई जाएगी। इसके अलावा पीएम जनमन आवास भी बनाकर दिया जा रहा है। पीवीटीजी परिवारों को योजनाओं से लाभान्वित करने सभी के बैंक खाते खोले जा रहे हैं। वंचित परिवारों के राशन कार्ड एवं आधार कार्ड बनाए जा रहे हैं। पीएम जनमन अंतर्गत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों पहाड़ी कोरवा, बिरहोर समुदाय को 160 वनाधिकार पत्र वितरित किया जा रहा है। पीएम जनमन अंतर्गत पहली बार नगरीय क्षेत्र के हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र दिया गया है। पाली नगरीय निकाय क्षेत्र में 32 लोगों को वनाधिकार पत्र भी दिया गया है।
श्री रामलला दर्शन योजना – छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थ यात्रा का दर्शन कराने श्री रामलला दर्शन योजना लागू की गई है। इस योजना के माध्यम से जिले के 01 हजार से अधिक तीर्थ यात्री भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या जाकर रामलला का दर्शन लाभ ले चुके हैं। सभी दर्शनार्थियों को घर से अयोध्या तक लाने-ले जाने एवं उनके ठहरने तथा खाने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गई। जिले से 110 तीर्थ यात्री ग्रामीण क्षेत्रों एवं 36 यात्री नगरीय निकाय क्षेत्रों से चयनित किए जाते हैं।
पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना – प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में एक दूरगामी प्रयास है। इस योजना के तहत कुल 8633 पंजीयन किए गए हैं। जिसमें से 17 इंस्टॉलेशन किए जा चुके हैं।
वन -वनोपज के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि कर वनांचलों में रहने वाले परिवारों को लाभान्वित किया जा रहा है। जिले में 805 संग्राहकों से वनोपजों की खरीदी कर 46 लाख 26 हजार 161 रूपए का भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना – पीएम विश्वकर्मा योजना अंतर्गत कुल प्राप्त 48906 आवेदनों मे से 5636 कारीगरों/ शिल्पकारों का चिंहांकन किया गया है। जिसमें से 3013 कारीगरों/शिल्पकारों को टेलर, बार्बर, राजमिस्त्री, लोहार, कुम्हार, बांस टोकरी निर्माण, झाड़ू निर्माण, बढ़ई आदि व्यवसायों मे प्रशिक्षण प्रदाय किया जा चुका है।
डीएमएफ से जिले के विकास को मिल रही नई दिशा– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खनन प्रभावित क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु ला खनिज संस्थान न्यास मद से जिले को राशि स्वीकृति हेतु प्रावधान किया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशन में कलेक्टर श्री वसंत द्वारा जिले के विकास में पारदर्शी तरीके से डीएमएफ की राशि खर्च की जा रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में 500 से ज्यादा अतिथि शिक्षकों तथा व्याख्याताओं एवं 300 से ज्यादा चतुर्थ श्रेणी के पदों पर जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डी.एम.एफ.) से नियुक्तियों की गई। इनमें पहाड़ी कोरवा तथा बिरहोर जनजाति के 120 से ज्यादा युवाओं को नियोजित किया गया। जिले के 2100 से ज्यादा सभी प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं में छात्र / छात्राओं को उनकी पसंद के अनुरूप विद्यालय प्रारंभ होने के समय नाश्ता प्रदान किया जा रहा है। जिले के 5000 से अधिक विद्यालय, आँगनबाड़ी केन्द्रों तथा आश्रम-छात्रावासों में रसोईया दीदीयों तथा बहनों को रिफिलिंग के साथ गैस सिलेंडर की सुविधा प्रदान की गई है। इससे एक ओर जहाँ उनकों धुएं से मुक्ति मिल गई है, वहीं वृक्षों की कटाई रूकने से तथा पर्यावरण सरंक्षण में मदद मिलेगी। लगभग 25 करोड रूपये की लागत से जिले में नये विद्यालय भवनों का निर्माण हो रहा है।
सुदूर क्षेत्रों में शिक्षकों के आवासों की कमी को दूर करने के लिए 20 स्थानों पर शिक्षक आवास स्वीकृत किये गये हैं। जिले के मेंधावी 100 बच्चों को रायपुर में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की परीक्षाओं की तैयारी हेतु मदद की जा रही है। इन छात्र/छात्राओं को प्रशिक्षण शुल्क के अतिरिक्त प्रतिमाह 7500 रूपये छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान किया जा रहा है। 20 करोड रूपये की लागत से जिले में आदिवासी आश्रम / छात्रावास का निर्माण किया जा रहा है। इस तरह पिछले एक वर्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास मद से 75 करोड़ से अधिक राशि शिक्षा के क्षेत्र में खर्च की गई है। जिले में महाविद्यालयों की शैक्षणिक व्यवस्था को मजबूत करने हेतु अतिरिक्त कक्ष तथा विभिन्न समाग्रियों हेतु 10 करोड़ से ज्यादा की राशि स्वीकृत की गई है। इन कार्यों के पूर्ण होने के पश्चात् 300 से ज्यादा कॉलेज छात्राओं को रहने हेतु हॉस्टल की सुविधा भी प्राप्त हो सकेगी।
इसी तरह स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार को देखते हुये स्वास्थ्य विभाग के रिक्त पदों पर 114 अभ्यर्थियों को संविदा नियुक्ति दी गई है। स्वास्थ्य कर्मीयों के लिए सुदूर क्षेत्रों में 33 जगहों पर आवास की स्वीकृति दी गई है। लोगों को घर बैठ जाँच की सुविधा हेतु जिले में लैब ऑन-व्हील की शुरूवात की गई है। जर्जर एवं भवन विहीन उप स्वास्थ्य केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों का निर्माण कराया जा रहा है। मेडिकल कॉलेज में सुविधाओं के विस्तार हेतु 05 करोड़ के विभिन्न मशीनों का कय तथा 07 करोड़ के विभिन्न निर्माण कार्यों की स्वीकृति दी गई है। विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमियों को पूरा करने के लिए डी.एम.एफ. से मानदेय में वृद्धि की गई, ताकि मेडिकल कॉलेज आगामी सत्र में पी.जी. की कक्षाओं हेतु तैयार हो सके। मेडिकल कॉलेज में सी.टी. स्केन के सुविधा हेतु डी.एम.एफ. से 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। इस तरह स्वास्थ्य के क्षेत्र में लगभग 40 करोड रूपये की स्वीकृति दी गई है।
जिले में आधारभूत संरचनाओं के विस्तार हेतु जिले की बहुप्रतिक्षित मांग के रूप में सुनालिया रेल्वे कॉसिंग पर अण्डर पास की स्वीकृति दी गई। जिस हेतु डी. एफ.एफ. से 15 करोड़ तथा रेल्वे के द्वारा 15 करोड़ दिया जायेगा। सुदूर आदिवासी अंचल में 09 करोड़ रूपये लागत की चिर्रा श्यांग मार्ग की स्वीकृति दी गई है। साथ ही अमलडीहा से जिले के अंतिम छोर स्थित मालीकछार हेतु सडक निर्माण के लिए 04 करोड की स्वीकृति दी गई है। नगर निगम क्षेत्र में भी बिजली व सडक की कमियों को दूर करने हेतु 05 करोड रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। नगर निगम क्षेत्र में स्वच्छता को बनाये रखने के लिए ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन हेतु 3.5 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। कमजोर वर्गों के कल्याण को ध्यान में रखते हुये जिले में वृद्धा आश्रम तथा दिव्यांग विद्यालय की स्वीकृति दी गई है। जिनमें वृद्धा आश्रम का हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा उद्घाटन किया गया है। नव गठित नगर पालिका परिषद् बांकी मोंगरा के विकास कार्य हेतु 05 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई है। उन क्षेत्रों में जहां बिजली नहीं पहुंची है, वहां विद्युत लाईन तथा ट्रांसफार्मर के विस्तार हेतु भी डी.एम.एफ. से राशि स्वीकृत की जा रही है। आगामी 06 माह में ऐसे सभी क्षेत्रों में विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित कर दी जावेगी। हाथी प्रभावित क्षेत्रों में जान-माल की सुरक्षा हेतु 05 करोड़ रूपये के लागत से क्रेडा को हाईमास्क लाईट की स्वीकृति दी गई है। उप स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा आश्रम छात्रावासों में विद्युत की निर्बाध आपूर्ति हेतु सोलर प्लांट लगाने के लिए क्रेडा को 05 करोड़ रूपये की राशि की स्वीकृति दी गई है।