भगवान अय्यप्पा की निकली मंगलथाल दीप यात्रा, विधि विधान से की गई पूजा अर्चना
0 मंदिर को फूल व केले के पत्तों से आकर्षक ढंग से सजाया गया
कोरबा। श्री अय्यप्पा मंदिर एसईसीएल में मंडल पूजा एवं मकर संक्रांति पर्व मंगलवार 14 जनवरी को विधि विधान पूर्वक श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। 1100 दीप जलाकर सुख-समृद्धि की कामना की गई।
मकर संक्रांति पूजा आयोजन श्री अय्यप्पा सेवा समिति की ओर से किया जा रहा है। इसे लेकर मंदिर परिसर में आकर्षक लाइट की सजावट की गई है। मकर संक्रांति के लिए मंदिर को फूलों और केले के पत्तों से आकर्षक ढंग से सजाया गया है। अय्यप्पा मंदिर में सुबह मंगलवार को प्रातः 5.00 बजे से- प्रभात फेरी, प्रातः 5:30 बजे से- निर्माल्य दर्शन, तत्पश्चात गणपति हवन, कलशाभिषेक, ऊषा पूजा, मध्यान्ह पूजा, नाग पूजा इत्यादि पुजायें यथाविधि सम्पन्न हुआ। प्रातः 8.00 बजे से- भगवत परायण, दोपहर 1.00 बजे से – अन्नदान भण्डारा, शाम 4.00 बजे से श्री अयप्पस भगवान शोभायात्रा वाद्यवृंद, मंगलथाल, भजनकीर्तन के साथ राम जानकी मंदिर सीतामणी से हाथों में मंगलथाल लिए यात्रा पुराना बस स्टैंड, पावर हाउस रोड, टीपी नगर स्थित काफी हॉउस में पूजा अर्चना कर नगर परिक्रमा करते एसईसीएल मंदिर पहुंची। रात में प्रसाद वितरण के बाद – आनंद मेला का आयोजन रखा गया । जानकारों का मानना है कि भगवान अय्यप्पा स्वामी ज्योति स्वरूप के रूप में जाने जाते हैं।
श्री अय्यप्पा मंदिर में सुबह धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। केरल के सबरीमाला मंदिर में मकर संक्रांति के दिन से लेकर 41 दिन तक भगवान अय्यप्पा की पूजा व शोभायात्रा निकाली जाती है। इस दिन भगवान अय्यप्पा के दर्शन करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं। दरअसल मंदिर में एक मकर ज्योति प्रज्ज्वलित रहती है। इसी ज्योति के दर्शन के लिए करोड़ों भक्त अय्यप्पा स्वामी के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान अय्यप्पा विष्णु के पुत्र हैं। इसी तरह अय्यप्पा सेवा संगम बालको सेक्टर-2 स्थित श्री अय्यप्पा मंदिर से शोभायात्रा निकाली गई, जो नगर भ्रमण करते हुए मंदिर परिसर पहुंची।