भाजपा पार्षदों ने अधिकृत प्रत्याशी हितानंद को नकार कर नूतन को चुना सभापति

0 33 मत प्राप्त कर सभापति की कुर्सी पर काबिज हुए नूतन
कोरबा। नगर पालिक निगम कोरबा का सभापति के प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में युवा पार्षद नूतन सिंह ठाकुर ने बाजी मार ली है। उन्होंने कुल 33 मत प्राप्त कर सभापति का चुनाव जीता है। पार्षदों ने उन पर अपना भरोसा जताया है। दूसरी तरफ पार्टी से घोषित प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल मात्र 18 वोटों पर सिमट गए जबकि अब्दुल रहमान को 16 वोट प्राप्त हुए हैं। एक मत निरस्त हुआ है। 67 पार्षदों सहित महापौर ने अपने वोट डाले। नगर निगम के प्रशासक एवं जिला निर्वाचन अधिकारी अजीत वसंत की देखरेख में चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण कराई गई।
कोरबा की राजनीति में गजब खेला हो गया। भाजपा बनाना चाहती थी किसी और को निगम सभापति, लेकिन पार्षदों ने ऐसा उल्टा चक्कर चलाया कि सभापति कोई और बन गया। कमाल की बात ये है कि सभापति चुनाव में भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी को किसी और से नहीं, बल्कि अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी के हाथों करीब आधे वोट के अंतर से मात खानी पड़ी। नगर निगम में शनिवार को सभापति का चयन होना था। भाजपा ने इसके लिए हितानंद अग्रवाल को अपना अधिकृत प्रत्याशी बनाया था। हालांकि नाम तो और भी कई गये थे, लेकिन पार्टी ने हितानंद अग्रवाल पर ही मुहर लगायी। कोरबा के भाजपा पार्षदों पर थोपा गया ये नाम उन्हें मंजूर नहीं था, लिहाजा पार्षदों ने खेला कर दिया। भाजपा पार्षदों ने बागी तेवर दिखाते हुए मौके पर ही हंगामा किया और फिर आनन-फानन में अपना नेता नूतन सिंह ठाकुर को चुन लिया। समर्थन मिलता देख नूतन सिंह ठाकुर ने भी सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। इधर, भाजपा को दो फाड़ होते देख निर्दलीय अब्दुल रहमान की उम्मीदें भी जाग गयी। उन्होंने भी निर्दलीय सभापति के लिए नामांकन दाखिल कर दिया। भाजपा के अंदर ही अंदर खिचड़ी पक रही थी, लेकिन तब तक भाजपा को ये थोड़ी भी भनक नहीं थी, ये बगावत उन्हें हार का मुंह देखने को मजबूर कर देगी। लेकिन परिणाम जब आया, तो सभी चौंक गए। भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी हितानंद अग्रवाल को जहां सिर्फ 18 वोट मिले, तो वहीं पार्टी से बागी हुए नूतन सिंह ठाकुर को 33 वोट मिल गये, जबकि निर्दलीय अब्दुल रहमान को 16 वोट मिले। इस दौरान मौके पर खुद उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन मौजूद थे। उन्होंने ये जरूर स्वीकार किया कि पार्टी ने जिन्हे प्रत्याशी बनाया था, उनकी हार हुई। लेकिन पार्षदों ने जो फैसला किया है, उसे पार्टी को अब मानना होगा।

चुनाव जीतने के बाद सभापति नूतन सिंह ठाकुर ने कहा कि उन्हें भाजपा से पार्षद चुनाव की टिकट मिली थी। सभापति के लिए भी उन्होंने भाजपा पार्षद के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया और पार्षदों ने उन पर अपना भरोसा जताया। नूतन सिंह ने इसके लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह पहले भी भाजपा के थे, अभी भी भाजपा के हैं और आगे भी भाजपा के ही रहेंगे।
दूसरी तरफ पूर्व नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल ने कहा कि पार्टी संगठन की ओर से मुझे अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया गया था और संगठन के निर्देश पर ही अपना नामांकन सभापति के लिए जमा किया था। अब जो भी निर्णय लेना है, वह संगठन को लेना है। हमें संगठन के निर्देश का पालन करते हुए काम करना है।