पत्रकार कमल शुक्ल पर हमला छत्तीसगढ़ के लिए शर्मनाक: बादल सरोज
रायपुर 26 सितम्बर। आज कांकेर में देश के जाने-माने पत्रकार कमल शुक्ला पर हुआ हमला स्तब्ध और बहुत विचलित करने वाली खबर है। यह इस बात का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ में आज भी राज काज भ्रष्ट नौकरशाह, अपराधी नेता और गुंडों के हाथ में है तथा इस बात का सबूत भी कि मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस माफिया गिरोह को नाथने में या तो पूरी तरह असफल हुए हैं या फिर उन्होंने उनके साथ सह अस्तित्व कायम कर लिया है।” इन शब्दों के साथ दी गई अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में लोकजतन के सम्पादक और अखिल भारतीय किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज ने इस घटना को छत्तीसगढ़ के लिए शर्मनाक और पत्रकारिता को डराने-धमकाने में असफल रहने पर उन्हें मार डालने तक की कायराना हरकतों का नमूना बताया है।
बादल सरोज के अनुसार पिछले 15 दिनों से पूरी दुनिया जानती थी कि कैबिनेट का दर्जा पाए, मुख्यमंत्री के करीबी माने जाने वाले एक अपराधी के संरक्षण में चलने वाले कुछ गुंडे और लॉकडाउन में भ्रष्टाचार करने तथा राहत सामग्री में घोटाला करने वाले कांकेर कलेक्टर द्वारा कमल शुक्ला को धमकी दी जा रही है। इस धमकी के प्रमाण तक मौजूद थे, लेकिन इसके बावजूद उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई न होना और खुद कमल शुक्ला को कांकेर के पुलिस थाने में पुलिस की मौजूदगी में कनपटी पर पिस्तौल रखकर मारते हुए खींचकर थाने के बाहर लाना और गले में पेचकस भोंककर कर जान लेने की कोशिश करना प्रशासन और क़ानून व्यवस्था के पूरी तरह धराशायी हो जाने का उदाहरण है। यह छत्तीसगढ़ की जनता द्वारा 2018 में दिए गए जनादेश के बाद प्रदेश में कुछ भी न बदलने का भी प्रतीक है।
उन्होंने कहा है कि कमल शुक्ला देश के जाने-माने, जुझारू और ईमानदार पत्रकार है। भूमकाल समाचार के सम्पादक कमल शुक्ला को इसी वर्ष प्रतिष्ठित लोकजतन सम्मान से भी जुलाई में सम्मानित किया गया था। वे बस्तर के आदिवासियों को हर तरह की हिंसा से बचाने, फर्जी मुठभेड़ों के विरुध्द लड़ने वाले तथा सलवा जुडूम से लेकर आज तक उनके अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले निर्भीक पत्रकार हैं। मौजूदा स्थिति नेता-नौकरशाह-गुंडा गिरोह द्वारा लॉकडाउन की राहत सामग्री में हुए घोटाले और भ्रष्ट कलेक्टर की पत्रकारों के खिलाफ बदजुबानी से शुरू हुयी थी, जो रेत माफिया और जंगल को लूटने वाले नेता, नौकरशाह और गुंडों के गिरोह को बेनकाब करने वाले सम्मानित पत्रकार कमल शुक्ला पर हमले तक पहुँची है। बादल सरोज ने कमल शुक्ला के पूरे इलाज की तत्काल व्यवस्था किये जाने के साथ ही उक्त कैबिनेट दर्जे वाले अपराधियों के सरगना तथा कलेक्टर कांकेर की गिरफ्तारी, पुलिस अधिकारियों के निलंबन और दोषियों को उदाहरण योग्य सजा देने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में माकपा राज्य सचिव संजय पराते द्वारा उठायी गयी सभी मांगों का भी समर्थन किया है। लोकजतन सम्पादक ने मुख्यमंत्री पूछा है कि 2018 के चुनाव में उन्होंने पत्रकार संरक्षण क़ानून लाने का जो वादा किया था, उसका क्या हुआ?