September 20, 2024

बारदानों की आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो धान खरीदी कार्य होगा प्रभावित

बारदानों की आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो धान खरीदी कार्य होगा प्रभावित
कोरबा 19 नवंबर। एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो रही है। जिला विपणन विभाग ने 6 लाख 50 हजार पुराने बारदानों का संग्रहण कर लिया हैं। संग्रहित बारदाने अभी तक उपार्जन केंद्रों में नहीं पहुंचे हैं। परिवहन के लिए विभाग ने निविदा आमंत्रित किया था, लेकिन दर कम होने के कारण एक भी ट्रांसपोर्टर शामिल नहीं हुए। धान खरीदी शुरू होने से पहले समस्या खड़ी हो गई है। समय पर पर्याप्त बारदाने नहीं पहुंचे तो खरीदी कार्य में प्रभावित होगी। समस्या निदान के लिए विपणन विभाग अब निजी वाहन चालकों के बारदाना आपूर्ति कराने की तैयारी में है।
धान उपार्जन केंद्रों में बीते वर्ष की तरह नए के साथ पुराने बारदानों में धान खरीदी होगी। विपणन और खाद्य विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। पिछले तीन माह से बारदानों के संग्रहण का काम चल रहा है। जिले में बार 12 लाख 65 हजार धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके लिए 20 लाख बारदानों की आवश्यकता होगी। धान खरीदी के लिए तैयारी मुकम्मल नही होने से बाधाएं शुरू हो गई है। विपणन विभाग ने बारदानों का संग्रहण तो कर लिया है लेकिन लेकिन अभी तक वह उपार्जन केंद्र नहीं पहुंचे हैं। निजी वाहन मालिकों के भरोसे बारदाना आपूर्ति में विभाग अपनी मर्जी के अनुसार काम नहीं करा सकता। इससे समय सीमा के भीतर बारदाना उपार्जन केंद्र तक पहुंचाने में परेशानी होगी। जिले में 44 उपार्जन केंद्र हैं। इनमें कुछ ऐसे केंद्र हैं जहां 4 से पांच लाख क्विंटल धान खरीदी होती है। निर्धारित मांग के अनुसार बारदाना उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण किसानों को उपार्जन केंद्र बारदाने आने का इंतजार करना पड़ेगा। बेहतर मानसून की वजह से इस बाद बेहतर फसल उत्पादन की संभावना बनी है। बीते वर्ष की अपेक्षा किसानों की संख्या में बढ़त होने से अधिक धान खरीदी की संभावना है। पर्याप्त बारदानों की आपूर्ति समय पर नहीं हुई तो खरीदी कार्य प्रभावित होगा।
जिले में इस बार 12.65 लाख धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसके अनुसार बारदानों का संग्रहण किया जा रहा हैं। अब तक 6.50 बारदानों का संग्रहण किया जा चुका हैं। परिवहन के लिए निविदा जारी की गई थीए जिसमें एक भी परिवहन ठेकेदार शामिल नहीं हुए। निजी वाहन मालिकों के माध्यम से उपार्जन केंद्रों तक बारदानों की आपूर्ति की जाएगी।

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