November 22, 2024

कटघोरा DFO की शिकायत मामले में विधायक मोहित केरकेट्टा ने मारा U- Turn, कहा नही की कोई शिकायत

कटघोरा DFO के खिलाफ मैंने वन मंत्री से नही की कोई शिकायत, सिर्फ चेतावनी ही दी थी। अब DFO का काम संतोषजनक है।

-विधायक केरकेट्टा

कोरबा। कटघोरा वनमंडलाधिकारी आईएफएस शमां फ़ारूक़ी के खिलाफ शिकायतो का पुलिंदा जो कल मीडिया में वायरल हुआ था उसपर आज विधायक और कांग्रेस ग्रामीण के जिलाध्यक्ष मोहितराम केरकेट्टा ने मीडिया में बयान दिया है. श्री केरकेट्टा ने बताया कि उन्हें पूर्व में डीएफओ और वनमण्डल के सम्बंध में लगातार शिकायते प्राप्त हो रही थी. जहां तक शिकायती पत्र का सवाल है तो उन्होंने यह लिखा जरूर था लेकिन समझाइस के बाद उन्होंने उसे वनमंत्री को प्रेषित नही किया था. डीएफओ ने उन्हें सभी आपत्तियों के निराकरण और लंबित भुगतानो को पूरा करने का आश्वासन दिया था.

मोहितराम केरकेट्टा ने बताया कि उन्होंने यह पत्र ना ही मंत्रालय भेजा था और ना ही मीडिया में जारी किया था. डीएफओ ने सभी शिकायतों के निराकरण की बात कही है. उन्होंने यह भी बताया कि चूंकि यह उनके वनमंडल से जुड़ी शिकायते है और शिकायतकर्ता भी उनके जिले के ठेकेदार और मजदूर है इसलिए सभी से सामंजस्य बनाये रखने की समझाइस डीएफओ को दी गई है. फिलहाल उन्हें जो जानकारी मिली है उसके मुताबिक डीएफओ ने ज्यादातर भुगतान कर दिए है. डीएफओ ने उन्हें यह भी बताया था कि लंबित प्रकरण तात्कालीन डीएफओ के वक़्त से लंबित थे. इनमे से कई मामलों पर जांच भी जारी है इसलिए इनके भुगतान में देर हुई.

DFO शमा फारूकी

श्री केरकेट्टा ने कहा कि अफसरों और जनप्रतिनिधियों के बीच किसी तरह की संवादहीनता नही है. कार्यकर्ताओ के समस्याओं का हल ढूंढना और अफसरों तक उनकी बातें पहुंचाया उनका दायित्व है. बड़े अफसरों के साथ कार्यो के संपादन के दौरान कई समस्याएं भी सामने आती है इसलिए उनपर किसी कार्य को निश्चित समयावधि में पूरा कर लेने का दबाव भी नही बनाया जा सकता. आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई में मंत्रालय और प्रशासन दोनों ही अपने महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे है. वे जनता के प्रतिनिधि है इसलिए अपने दायित्वों के निर्वहन की जिम्मेदारी उनकी भी है.

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मोहितराम केरकेट्टा के अधिकृत लेटर हेड में डीएफओ के खिलाफ शिकायतों की फेहरिस्त समाने आई थी जिसमे उन्होंने वनमंडलाधिकारी पर कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. श्री केरकेट्टा ने ऐसे किसी भी पत्र को मीडिया में जारी नही किये जाने की बात कही है।

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