September 19, 2024

बिखरी जकांछ, जोगी ने चुनाव लडऩे खींचे कदम

न्यूज एक्शन। विधानसभा चुनाव में जोगी कांग्रेस को मिली हार ने पार्टी को अंदर से झकझोर कर रख दिया। लोकसभा चुनाव से पहले जकांछ ऐसी बिखरी की दावेदारी पर भी सवाल खड़े हो गए। कोरबा सीट से चुनाव लडऩे का ऐलान करने के बाद जकांछ सुप्रीमो अजीत जोगी ने अपने कदम वापस खींच लिए। चर्चा है कि अजीत जोगी अब कोरबा से चुनाव नहीं लड़ेंगे। कोरबा सीट से चुनाव कौन लड़ेगा इस पर फैसला कल होगा। कोरबा के साथ ही बिलासपुर और रायपुर सीट के लिए बीएसपी नेताओं के साथ अजीत जोगी की अनौपचारिक बैठक में निर्णय लिया जा सकता है। विधानसभा चुनाव में जिस अंदाज से जकांछ ने अपने चुनावी तेवर दिखाए थे उसके अनुरूप सीट जीत पाने में पार्टी कामयाब नहीं रही थी। विधानसभा चुनाव में मिली हार से पार्टी उबर नहीं पाई है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी सुस्त नजर आ रहा है या कहा जाए कि पार्टी अब बिखर चुकी है। ऐसे में जोगी कांग्रेस से जुड़े समर्थक और पदाधिकारी खुद को छला सा महसूस कर रहे हैं। ऐसे में माना यह जा रहा है कि जनता और जकांछ समर्थक समय आने पर इस बात का जवाब जरूर पार्टी के सुप्रीमो को देंगे।

कहीं भितरघात का शिकार न हो जाए कांग्रेस-भाजपा
विधानसभा, नगरीय निकाय और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की स्थिति जुदा होती है। विधानसभा एवं नगरीय निकाय चुनाव में जहां कांग्रेस की पुख्ता दावेदारी के साथ कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से जीत हासिल कर लेते हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में नतीजा बदल जाता है। पिछले लोकसभा चुनाव की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी को हरा दिया था। चर्चा इस बात की है कि पिछले चुनाव की तरह इस बार भी परिणाम की पुनरावृत्ति हो सकती है। पार्टी में भितरघात की बात सामने आ रही है। भाजपा में जहां इसका शोर ज्यादा है वहीं कांग्रेस में भी जमकर भितरघात व सक्रिय नेताओं के शिथिलता की बात सुनने को मिल रही है। भाजपा में जहां भितरघात होने का खतरा ज्यादा है, वहीं कांग्रेस भी इस बीमारी का शिकार हो सकता है। ऐसे में दोनों दलों के नेताओं को एकजुट कर इस बीमारी का इलाज ढूंढने की जरूरत है।

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