September 19, 2024

छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना का एसीबी पर आरोप , कहा झूठे मामले में फंसाया

छत्तीसगढिय़ा क्रांति ने अजाक थाना को सौंपा ज्ञापन

कोरबा। छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि वाजिब मांगों को लेकर एसीबी के खिलाफ मोर्चा खोलने पर संगठन के 4 पदाधिकारियों को झूठे आरोप में फंसाकर उन्हें जेल भेज दिया गया। अब एक और नोटिस उनके घर दीपका थाना से पहुंचा है जिसमें एक व्यक्ति के शिकायत करने का जिक्र है। जिसमें आरोप लगाया है कि लाठी, हॉकीस्टिक व डंडे से लैस होकर अश£ील व भड़काऊ भाषण छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के पदाधिकारियों ने दिया है। उक्त व्यक्ति भी किसी न किसी माध्यम से एसीबी कंपनी से जुड़ा है। इसकी शिकायत भी पहले की तरह झूठे आरोप में फंसाने सोची-समझी साजिश के तहत किया गया है। जिन 4 पदाधिकारियों के खिलाफ आरोप लगे हैं उनमें से दो अनुसूचित जाति से हैं। ऐसे में संगठन की ओर से अजाक थाना में ज्ञापन सौंपकर झूठी शिकायत पर कार्रवाई करने की मांग की है।
छत्तीसगढिय़ा क्रांति सेना के दिलीप कुमार मिरी ने बताया कि दीपका क्षेत्र के एसीबी व अन्य कंपनी जबरन आदिवासी किसानों की जमीन अध्रिग्रहण किया है। अधिग्रहण के पहले ग्राम सभा में बैठक होना था। दीपका के ही एक किसान अड़बड़ सिंह कंवर की जमीन पर जबरन कब्जा की भी शिकायत की गई थी। यहां के निजी कंपनी में भी स्थानीय बेरोजगार को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। आऊटसोर्सिंग से भर्ती ली जा रही है। उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया। इन सबके विरोध व पेसा कानून लागू करने की मांग को लेकर संगठन ने 17 फरवरी को जबर धुर्रा छड़ांव रैली व आमसभा आयोजित की थी। इस आंदोलन के लगभग एक महीने बाद मनोज सिंह नामक व्यक्ति ने एसीबी के इशारे पर दीपका थाना में झूठी शिकायत किया गया। पुलिस ने दबाव में आकर उनके व संगठन के तीन अन्य अतुल दास महंत, सुरजीत सिंह व जैनेन्द्र कुर्रे के खिलाफ कार्रवाई कर जेल भेज दिया गया। जमानत पर रिहा होने पर उनके परिवार व संगठन के सदस्यों ने जगह-जगह उनका स्वागत किया था। इसके लगभग हफ्ते भर बाद चारों को नोटिस मिला है। इसके माध्यम से पता चला है कि शांति नगर निवासी अशोक शर्मा नामक व्यक्ति ने दीपका थाना में शिकायत किया है कि उनके द्वारा लाठी-डंडे व हॉकीस्टिक से लैस होकर अश£ील व भड़काऊ भाषण दिया गया है। यह शिकायत पूरी तरह से झूठी है और शिकायतकर्ता के संबंध में जानकारी जुटाने पर पता चला कि उसका भी एसीबी से किसी न किसी तरह से वास्ता है। यह शिकायत भी एसीबी के सीईओ अनिल शेरावत, मालिक वीरसेन सिंधु के इशारे पर हुई है। झूठी शिकायत पर कार्रवाई की मांग को लेकर अजाक थाना में संगठन की ओर से ज्ञापन सौंपा गया है।

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