November 22, 2024

आजादी के बाद से अब तक 121 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है विभिन्न राज्यों में

नई दिल्ली 8 मई। पश्चिम बंगाल में हालिया विधानसभा चुनाव के बाद जारी हिंसा के बीच राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठने लगी है। निकट भविष्य में यह हो भी सकता है। आजादी के बाद देश के अनेक राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगते रहे हैं। आइये जानते हैं देश में कब कब और कहां कहां राष्ट्रपति शासन लगा?

आजादी के बाद से अब तक 121 मौके आए, जब राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते सबसे ज्यादा 49 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया गया। किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की व्याख्या संविधान के अनुच्छेद 356 में की गई है।

राष्ट्रपति शासन पहली बार 1951 में लगा था

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, आजादी के बाद पंजाब वह राज्य था, जहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। कांग्रेस में फूट की वजह से यहां 20 जून 1951 से 17 अप्रैल 1952 के बीच राष्ट्रपति शासन लगाया गया। आपातकाल के बाद 24 मार्च 1977 को मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने। उन्होंने 30 अप्रैल 1977 को 9 राज्यों में एक साथ राष्ट्रपति शासन लगा दिया। जनता पार्टी के तीन साल के कार्यकाल में कुल 16 मौके ऐसे आए, जब अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा। इस दौरान मोरारजी देसाई के अलावा चरण सिंह भी करीब 6 महीने के लिए कांग्रेस के समर्थन से प्रधानमंत्री बने थे। इनमें 12 बार मोरारजी देसाई और 4 बार चरण सिंह के कार्यकाल में राष्ट्रपति शासन लगा था।

इंदिरा के शासन में 49 बार राष्ट्रपति शासन लगा था
इंदिरा गांधी का आपातकाल से पहले और बाद में बतौर प्रधानमंत्री कुल 15 साल का कार्यकाल रहा। इस दौरान 1966 से 1977 के बीच 33 बार और 1980 से 1984 के बीच 16 बार अलग-अलग राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा। इस तरह उनके प्रधानमंत्री रहते रिकॉर्ड 49 बार राष्ट्रपति शासन लगा। जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद 1980 में इंदिरा गांधी चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं और 17 फरवरी को एक साथ 9 राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।

1989 से 1999 तक 10 साल में 20 बार राष्ट्रपति शासन लगा
1989 से लेकर 1999 तक 7 प्रधानमंत्री बने। इस दौरान 20 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया। अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री बने। उनके 6 साल के कार्यकाल में सिर्फ 4 बार राष्ट्रपति शासन लगा।

उप्र में सबसे ज्यादा 10 बार राष्ट्रपति शासन लगा, पंजाब में सबसे ज्यादा दिन तक यह लागू रहा।

देश के 27 राज्यों में कम से कम एक बार राष्ट्रपति शासन लगा। 13 राज्यों में 4 या इससे ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया। उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 10 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया। हालांकि, सबसे ज्यादा दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू रहने के मामले में पंजाब सबसे आगे है। यहां अलग-अलग मौकों पर कुल 3510 दिन यानी लगभग 10 साल राष्ट्रपति शासन रहा। दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है, जहां 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा और यह कुल 2375 दिन लागू रहा। राज्य में पहले राज्यपाल शासन लगाया जाता रहा, इसके बाद राष्ट्रपति शासन की सिफारिशें हुईं।

महाराष्ट्र में गत वर्ष चुनाव नतीजे आने के 19 दिन बाद भी सरकार बनने की संभावना नहीं दिखने पर वहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। महाराष्ट्र के इतिहास में यह तीसरा मौका है, जब राष्ट्रपति शासन लगाया गया है। पहली बार 17 फरवरी से 9 जून 1980 तक और दूसरी बार 2014 में 32 दिनों के लिए राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।

राष्ट्रपति शासन लगने के प्रमुख कारण

चुनाव नतीजों के बाद किसी एक दल या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलना।
सत्ता पक्ष के विधायकों के विपक्षी दल में शामिल होने के कारण सरकार गिरना।
सत्तापक्ष का गठबंधन टूटने के बाद सरकार गिरना और राजनीतिक अस्थिरता ।
बहुमत होने के बावजूद मुख्यमंत्री का इस्तीफे देना।

कानून-व्यवस्था की स्थिति के चलते भी राष्ट्रपति शासन लगा

पंजाब में 80 के दशक में उग्रवादी गतिविधियों के चलते 1987-92 के बीच लगातार 5 साल तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा। यह पहला मौका था, जब किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू रखने की अधिकतम सीमा (3 साल) से ज्यादा दिन तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा। पंजाब में इसे 3 से 5 साल करने पर संविधान में इसका उल्लेख भी किया गया।

जम्मू-कश्मीर में 1990-96 के बीच आतंकी गतिविधियां बढ़ने और संवैधानिक व्यवस्था के असफल रहने के कारण लगातार 6 साल तक राष्ट्रपति शासन लगाया गया। यह दूसरी बार था जब संविधान के अनुसार राष्ट्रपति शासन की अधिकतम सीमा (3 साल) को बढ़ाया गया।

उत्तर प्रदेश में 1973 में पुलिस विद्रोह के कारण 5 महीने तक और 1992 में बाबरी विध्वंस के बाद भड़के दंगों के चलते पूरे 1 साल तक राष्ट्रपति शासन लगाया गया।

मणिपुर में 1972 में राज्य के पुनर्गठन, 1979-80 के दौरान कानून व्यवस्था बिगड़ने के चलते और 1993-94 में नागा-कुकी संघर्षों के कारण राष्ट्रपति शासन लगा।

आंध्र प्रदेश में 1973 में अलग आंध्र राज्य बनाने की मांग के लिए हुए हिंसक आंदोलन से राज्य सरकार निपटने में असफल रही। इसके बाद यहां राष्ट्रपति शासन लगाया गया, जो करीब 11 महीने तक लागू रहा।

तमिलनाडु में 1976 में राज्यपाल की सिफारिश पर केन्द्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रपति को प्रस्ताव भेजा। राज्य में भ्रष्टाचार को इसका कारण बताया गया।

जम्मू-कश्मीर में 8 बार राज्यपाल और 3 बार राष्ट्रपति शासन लगा। अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा हासिल था। इसके तहत राज्य में किसी भी तरह की राजनीतिक अस्थिरता या बिगड़ती कानून व्यवस्था से निपटने के लिए पहले राज्यपाल शासन ही लगाया जा सकता था। राज्यपाल शासन लगने के बाद अगर राज्यपाल सिफारिश करते थे, तो वहां राष्ट्रपति शासन लगता था। हालांकि, अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया है, जिसके बाद अब वहां राष्ट्रपति शासन ही लगेगा।

1990 में राज्य में आतंकवाद अपने चरम पर था और उस वक्त 6 साल तक वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। जम्मू-कश्मीर में अब तक 8 बार राज्यपाल और तीन बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है।

किस राष्ट्रपति के कार्यकाल में कितनी बार राष्ट्रपति शासन लगा?

राजेंद्र प्रसाद

01/1950 से5/1962तक 7

सर्वपल्ली राधाकृष्णन

5/1962 से 5/1967 तक 4

जाकिर हुसैन

5/1967 से 5/1969 तक 5

वीवी गिरी

8/1969से 8/1974 तक 19

फखरूद्दीन अली अहमद

8/1974 से 2/1977 तक 5

बीडी जट्टी (एक्टिंग)

7/1977 से 7/1977तक 10

नीलम संजीव रेड्डी

7/1977से7/1982तक 20

जैल सिंह

7/1982 से 7/1987तक 4

रामास्वामी वेंकटरमण

7/1987 से 7/1992 तक13

शंकर दयाल शर्मा

7/1992 से 7/1997 तक10

केआर नारायण

7/1997 से 7/ 2002 तक 4

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम

7/2002 से 7/2007तक 2

प्रतिभा पाटिल

7/2007 से 7/2012 तक 6

प्रणब मुखर्जी

7/ 2012 से 7/ 2017तक 8

रामनाथ कोविंद

7/2017 से अब तक 7

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