प्लेटफॉर्म के स्टॉल वेंडरों की हालत इन दिनों बेहद खराब
बिलासपुर. ट्रेनों में सफर करने वाले मुसाफिरों को पेट भरने की व्यवस्था करने वाले प्लेटफॉर्म के स्टॉल वेंडरों की हालत इन दिनों बेहद खराब है। उनके सामने भूखों मरने की नौबत है। स्टॉल संचालक भी पशोपेश में है कि वह क्या करें।
कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए संपूर्ण देश मे लॉक डाउन चल रहा है। बहुत से ऐसे लोग जिनकी दिनचर्या रेलवे के भरोसे ही चलती थी, वह मुसीबत में आने लगे हैं। बिलासपुर रेल मंडल के विभिन्न स्टेशनों में स्थित केटरिंग स्टॉल जन आहार, कमसम फूड प्लाजा और अन्य छोटे स्टॉल में काम करने वाले वेंडरों की हालत खराब होती जा रही है, वे दिन भर प्लेटफॉर्म पर रहकर वहां से गुजरने वाली ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों के पेट भरने का इंतजाम रोजाना करते थे, लेकिन जिस दिन से रेलवे ने ट्रेनों का परिचालन बंद कर दिया गया है, इनके स्वयं के पेट भरने का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। स्टॉल तो बंद है ऐसे में संचालक के पास भी कोई काम नहीं है। स्टॉल में काम करने वाले वेंडर दिन भर नाश्ता व भोजन उसी स्टॉल पर करते थे। इन दिनों बिलासपुर रेल मंडल के 500 से अधिक वेंडर घरों में रहकर ट्रेन शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। स्टॉल शुरू होने का इंतजार तो संचालकों को भी है, ताकि वे उन वेंडरों की मदद कर सकें। हालांकि बहुत से स्टाल संचालक अभी भी
अपने सभी वेंडरों के राशन इत्यादि की व्यवस्था करा रहे हैं, लेकिन वह भी ऐसा कितने दिन कर पाएंगे।