घर वापसी पर प्रवासी श्रमिकों के खिले चेहरे, कहा- छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया ,कलेक्टर का माना आभार, 118 प्रवासी श्रमिक भेजे गए झारखंड
कोरबा, । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से बात कर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हमें लेने के लिए बसें भेजी हैं। हम सभी अब सकुशल अपने घर लौट पायेंगे। लॉक डाउन के कारण कोरबा में रहे, यहां की व्यवस्थाएं अच्छी थी। खाने-पीने, रहने की कोई परेशानी नहीं हुई। काम करने आये थे, लॉक डाउन के कारण काम बंद होने से भी हमें खाने-पीने के लिए पर्याप्त राशन और जरूरी चीजें मिलती रही। छत्तीसगढ़िया वास्तव में बढ़िया हैं…।
इस संवाद के साथ कोरबा में काम करने आये प्रवासी श्रमिकों ने अपने राज्य झारखंड रवाना होने से पहले छत्तीसगढ़ सरकार और यहां के लोगों की तारीफ की। विभिन्न जनपद पंचायतों और नगरीय निकायों से अब तक मिली जानकारी के अनुसार जिले में लगभग 450 श्रमिक अन्य राज्यों से आकर काम में लगे हैं। कोरोना संक्रमण के कारण लॉक डाउन में फंसे इन सभी प्रवासी श्रमिकों में से कोरबा से आज झारखंड के विभिन्न जिलों के 118 श्रमिकों को उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया। धनबाद जिले के चिरकुंडा के लिए रवाना होने से पहले प्रवासी श्रमिक श्रीमती पूजा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रति आभार व्यक्त किया। पूजा ने बताया कि 12-13 मार्च को वे कोरबा आई थी और लॉक डाउन के कारण परिवार सहित यहां फंस गई थी। लॉक डाउन अवधि में राशन, पानी, दवा आदि की उपलब्धता के लिए किये गये कार्यों की प्रशंसा की। सभी श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढ़ सरकार की व्यवस्थाओं के लिए कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल का भी आभार माना। कोरबा के आईटी कालेज से झारखंड के लातेहार जिले के 29, गोंडा के 34, बोकारो के आठ, सरईकेला के 13, धनबाद के छह, गिरीडीह के नौ, हजारी बाग के दो, चतरा के सात, गुमला के दो, सिंहभूम के तीन, चक्रधरपुर के दो, रामगढ़ के दो, रांची का एक श्रमिक का जत्था झारखंड सरकार के अधिकारियों के साथ पांच बसों में रवाना हुआ। श्रमिकों को रवाना होने से पहले सेनेटाइज कर मेडिकल चेकअप कराया गया।