November 24, 2024

मुख्यमंत्री ने मंच से ही कर दिया अधिकारियों के निलंबन का आदेश

भोपाल 15 सितम्बर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से ही दो अधिकारियों को सस्पेंड करने का आदेश जारी कर दिया। इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने तालियों के साथ मुख्यमंत्री के इस फैसले का स्वागत किया। इतना ही नहीं, शिवराज सिंह चौहान ने ये भी कहा कि जांच के बाद जेल भी भेजा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान टीकमगढ़ और निवाड़ी के दौरे पर थे। ओरछा में उन्होंने राम राजा के दर्शन किये और पृथ्वीपुर में जनसभा भी की। अपने दौरे के दौरान शिवराज ने प्रधानमंत्री आवास योजना में भ्रष्टाचार करने पर जेरोन नगर पंचायत के पूर्व सीएमओ और उपयंत्री को निलंबित करने का ऐलान भरी सभा में मंच से ही कर दिया।

सीएम ने मंच पर कहा कि, ‘मुझे जेरोन से शिकायत मिली थी कि वहां प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। लोगों से पैसे लिये गये हैं। मैंने तुरंत सीएमओ और अन्य अधिकारी को सस्पेंड कर दिया। किसी भी भ्रष्टाचारी को बर्दाशत नहीं किया जाएगा।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पृथ्वीपुर नगर पंचायत की भी जांच होनी चाहिए। मैं यहां अलग-अलग विभाग में हुई अनियमितता के बारे में पता लगाने के लिए आया हूं। गलती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुझे यहां के तहसीलदार के खिलाफ भी शिकायत मिली है। भ्रष्टाचार हो रहा है। तहसीलदार को सस्पेंड किया जा रहा है। इस मामले में जांच होगी।’

सीएम शिवराज ने कहा, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना में प्रधानमंत्री जी पैसा भेजते हैं और मैं भी पैसा भेजता हूं…गरीबों के मकान बनवाने के लिए..लेकिन मुझे पता चला कि जेरोन में आवास योजना के पैसे में भारी भ्रष्टाचार किया गया है।’इतना कहने के बाद मंच से शिवराज सिंह चौहान ने पूछा कि आप में से कोई ऐसा है जिनका आवास स्वीकृत हुआ और पिछले दिनों गड़बड़ हुई हो। इस सवाल के पर वहां मौजूद कई लोगों ने अपने हाथ उठाए।

इसके बाद उन्हें तत्कालीन सीएमओ का नाम पता किया। मंच पर मौजूद अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को जानकारी दी कि उस समय उमाशंकर नाम का सीएमओ था और अभिषेक राजपूत नाम का यंत्री था। नाम पता चलने के बाद शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इन दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया जाता है, भले ही ये कहीं पर भी होंष उन्होंने कहा कि अभी आदेश निकालो और इसकी जांच होगी। मुख्यमंत्री ने यहां लोगों से कहा कि भ्रष्टाचारी जेल भी जाएंगे।

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