November 23, 2024

सूचना लीक होने से शिकायतकर्ता को रेत चोरों ने धमकाया

कोरबा 24 जनवरी। अवैध कार्यों को किसी भी कीमत पर नहीं होने देने के लिए पुलिस अपने स्तर पर प्रभावी काम कर रही है। अधिकतम सूचनाएं प्राप्त हो इसके लिए लोगों का भरोसा जीतने का काम हो रहा है। इसका लाभ भी कुछ इलाकों में हो रहा है। इन सबसे अलग अज्ञात कारणों से एक सूचना के लीक हो जाने का दुष्परिणाम यह हुआ कि रेत चोरों के बारे में शिकायत करने वालों को गिरोह के दो सदस्यों ने आमने-सामने चमकाया। दोबारा ऐसा करने पर सबक सिखाने की बात कही गई।

जानकारी के अनुसार हसदेव और अहिरन नदी को आधार मानते हुए कोरबा शहरी क्षेत्र में रेत की चोरी की जा रही है। माइनिंग विभाग ने नियमों के अंतर्गत इन नदियों के अलावा अन्य क्षेत्रों में 18 घाट निर्धारित किये हैं और प्रक्रियाओं के तहत रेत खनन की अनुज्ञा संबंधित आवेदकों को जारी की है। इसके अंतर्गत खनन नियमों के तहत संबंधित घाटों से रायल्टी के साथ खनन और परिवहन का काम होना है। कहने को ऐसे कार्यों की निगरानी विभाग का अमला कर रहा है इसके ठीक उल्टे सर्वमंगला पुलिस चौकी क्षेत्र के अंतर्गत धड़ल्ले से रेत चोरी का काम चल रहा है। शातिर गैंग की भागीदारी इस काम में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बताई जा रही है जो अपने कामकाज को दिन के साथ-साथ रात में चलाने के मामले में हर स्तर पर मेहरबानी होने का दावा करते नहीं थक रहे हैं। ऐसी ही गैंग से जुड़े केडी नामक दो लोगों ने सर्वमंगला नगर क्षेत्र के एक युवक को इसलिए सरेआम धमकाया कि उसने रेत चोरी के बारे में पुलिस से क्यों शिकायत की। बताया गया कि संबंधित पक्ष को कहा गया है कि पहली बार शिकायत हुई है इसलिए बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जा रहा है लेकिन अगर पुनर्रावृत्ति की जाती है तो लेने के देने पड़ सकते हैं।

अवैध कार्यों को लेकर पुलिस हर तरफ से सूचनाएं जुटा रही है और लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित कर रही है कि वह अपने इलाके में अच्छे वातावरण निर्माण के लिए गलत कार्यों की जानकारी उपलब्ध कराए। पता चला कि इसी कार्यक्रम के अंतर्गत स्थानीय युवक ने पुलिस तक रेत चोरी के काम से संबंधित शिकायत पिछले दिनों की थी। उसे विश्वास था कि इस सूचना पर जरूरी काम किया जाएगा लेकिन पूरी जानकारी गोपनीय रहेगी। हैरत की बात यह रही कि किसी स्तर से यह सूचना लीक हो गई और रेत चोरों तक पहुंच गई, जो इस काम में संलिप्त हैं। धमकी-चमकी मिलने के बाद अब सिस्टम पर सवाल खड़े होने लगे हैं कि आखिर अच्छे काम की शुरुआत करने वाली पुलिस के तंत्र में भेदिया की भूमिका कौन निभा रहा है।

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