November 8, 2024

रायपुर वाले साब जी! कोरबा जिले में सब खैरियत है….. बस थोड़ा सा….

कोरबा 1 अगस्त। साब जी, कोरबा जिले में सब खैरियत है। यहां कानून व्यवस्था चाक चौबंद है। बिल्कुल चिन्ता न करें। सर्वत्र राम राज का वातावरण है। यहां की व्यवस्था का अनुमान इसी बात से लगा सकते हैं कि शहर में लॉक डाउन है और उस पर भी नो एंट्री का कड़ाई से पालन हो रहा है। आधा साल पहले नगर की यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने और स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए जो नो एंट्री लागू की गई थी, वह पूरी ईमानदारी से अमल में लायी जा रही है। शहर की सड़कों पर सन्नाटा है, लेकिन मजाल है किसी मालवाहक की जो शहर में घुस जाए। नो एंट्री एरिया को छोड़कर बाकी इलाके में वे रोड जाम जरूर कर रहे हैं लेकिन नियम से उन पर हम कोई कार्यवाही नहीं कर सकते। वे शहर में हैं पर नो एंट्री एरिया के बाहर हैं।
साब जी कोरबा पर कृपा बरसाते रहिये। यहां सब खैरियत है। बस थोड़े से डीजल चोर थानेदारों को नमस्ते करते हुए एस ई सी एल की गेवरा, दीपका, कुसमुंडा कोयला खदान में रोज रात में चौपहिया वाहनों के साथ घुसकर दसेक लाख का डीजल निकाल ले जाते हैं। आई ओ सी के टैंकर से भी कुछ गरीब सेठ डीजल पेट्रोल लेकर गरीब ड्राइवर खलासियों का भरण पोषण करते हैं। लेकिन उनसे आम जनता को कोई असुविधा नहीं होती। वैसे कुछ कोयला चोर भी हैं, जो दिन हो या रात ट्रेलर और ट्रकों से एस ई सी एल की खदानों से और खदान किनारे बसने वाले बेरोजगार गरीबों से कोयला चोरी कराते और बिलासपुर रायपुर पहुंचाते हैं। इससे आम जन जीवन पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता। कोरोना काल में बहुत से लोग रोजी रोटी को मोहताज हैं। खुद तो पानी पीकर जिंदा रह जाएंगे , लेकिन रोते बिलखते बच्चों का क्या? उनकी व्यवस्था तो करनी ही पड़ेगी। लिहाजा कुछ लोग कबाड़ का धंधा भी कर रहे हैं। पाली के रिक्की सरदार और धनराज को हसदेव नदी पार करने की इजाजत नहीं है। नदी की दूसरी ऒर वे चाहे जो करें लेकिन लक्ष्मण रेखा पार नहीं करेंगे। हमारी उदारता का इससे अच्छा मिसाल क्या दें कि पड़ोसी जिला रायगढ़ के हाटी का घासीराम भी जिले के कबाड़ की साफ सफाई कर कई लोगों का भरण पोषण कर रहा है। अपना कोरबा भी खूब साफ सुथरा हो गया है। यहां भी अभियान पूरे शबाब पर है। यहां स्वच्छता अभियान का क्या कहना? 20 हाइवा और 40 ट्रेक्टर पूरी रात शहर के कोने कोने तक रेत पहुंचा रहे हैं, मगर मजाल है सड़क पर मुटठी भर भी रेत बिखर जाए।
एक और बात बताएं साब जी! पेहले यां कोरबा का डंका बजता था। अब वो झुनझुना हो गया। आज कल यां तो रायपुर का बेंड बजता है। घर घर आवाज जा रही है। लॉक डाउन में कोई बोर नीं हो रिया। सबका मौज हाई…..। आज बस इत्ता ही। सलाम… साब जी!
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