तीन जलाशयों का होगा कायाकल्प, बढ़ेगा सिंचाई का रकबा
0 गहरीकरण के साथ बंधान क्षेत्र का होगा मजबूतीकरण
कोरबा। खेतों में सिंचाई सुविधा विस्तार करने के लिए जिले के तीन महत्वपूर्ण जलाशयों का जीर्णोद्धार होगा। जल संसाधन को शासन ने नौ करोड़ की स्वीकृति बजट में दी थी। जिन जलाशयों का जीर्णोद्धार होना है उनमें छुरीकला, लाफा और केराकछार के जलाशय शामिल है। स्वीकृत रशि से जलाशयों का गहरीकरण, बंधान क्षेत्र का मजबूतीकरण और नहर का विस्तार किया जाना है।
तीनों बांध से अब तक 900 हेक्टेयर खेतों को सिंचाई सुविधा मिल रही है। जीर्णोंद्धार होने से इनकी सिंचाई क्षमता 400 हेक्टेयर बढ़ जाएगी। जिले के 98 हजार हेक्टेयर भूमि में रबी के दौरान धान की खेती होती है। इतने बड़े रकबे का केवल 45 प्रतिशत रकबा ही सिंचित है। शेष 55 प्रतिशत रकबा में मानसून आश्रित खेती होती है। खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए जिले में 44 जलाशयों का निर्माण किया गया है। स्वीकृत नौ करोड़ की राशि में चार करोड़ छुरीकला के जलाशय में खर्च होगा। शेष ढाई-ढाई करोड़ की राशि केराकछार और लाफा बांध में खर्च किया जाएगा। स्वीकृत राशि से बांध में पट चुकी मिट्टी को बाहर किया जाएगा। इसे बांध की जलधारण क्षमता बढ़ेगी। बांध के बंधान क्षेत्र में उखड़ चुके पत्थरों को फिर से स्थापित किया जाएगा। बांध से निकलने वाली नहर जगह-जगह से टूट चुकी है। छुरीकला के भेलवाडबरा जलाशय निर्माण के समय से अब तक इसमें किसी तरह का सुधार नहीं किया गया है। बांध किनारे नगर उद्यान के लिए भी जमीन स्वीकृत है, लेकिन निर्माण अभी तक शुरू नहीं हुआ है। जीर्णोद्धार के लिए स्वीकृत राशि से काम पूरा होने की संभावना है। तीनों बांध के पानी का उपयोग केवल खरीफ सीजन के लिए होता है। गहरीकरण होने से पानी का उपयोग रबी फसल के लिए भी होगा।