किसान सभा के नेतृत्व में भू-विस्थापितों ने घेरा एसईसीएल गेवरा महाप्रबंधक कार्यालय
0 रोजगार, बसाहट,जमीन वापसी सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 गांव के भू-विस्थापित हुए लामबंद
कोरबा। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर बुधवार को गेवरा कार्यालय घेराव कर दिया। बड़ी संख्या में महिलाएं महाप्रबंधक कार्यालय के प्रवेश द्वार पर हाथों में तख्ती लेकर बैठी रहीं। रोजगार, बसाहट, जमीन वापसी सहित 11 सूत्रीय मांगों को लेकर 25 गांव के भू-विस्थापित एसईसीएल के खिलाफ लामबंद हो गए हैं।
एसईसीएल के आश्वासन से थके भू-विस्थापितों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है। आंदोलन को सफल बनाने की तैयारी को लेकर गांव गांव में माइक प्रचार, पोस्टर चिपकाने, नुक्कड़ सभा के साथ घर घर पर्चे बांटे जा रहे थे। आंदोलन को आमजन का व्यापक जनसमर्थन मिला। सैकड़ों लोगों ने गेवरा जीएम कार्यालय का घेराव कर दिया। घेराव को टालने के लिए किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल के साथ एसईसीएल प्रबंधन ने बैठक कर आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया था। बैठक में किसान सभा के प्रतिनिधिमंडल की ओर से उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रबंधन के आंदोलन स्थगित करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और कहा कि मांगों पर निर्णय लेने का अधिकार आपके पास है ही नहीं तो आपसे क्या बात करें।
0 यह है प्रमुख मांग
भू-विस्थापितों की मांगों में पूर्व में अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों का तत्काल निराकरण कर सभी भू विस्थापितों को रोजगार दिया जाए। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और की जा रही है उन सभी को रोजगार दिया जाए। शासकीय भूमि पर काबिजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा व रोजगार दिया जाए। अधिग्रहित ग्रामों में पुनर्वास की सुविधा दी जाए। पूर्व में अधिग्रहित किये गये जमीनों को मूल किसानों को वापस किया जाए। विस्थापितों व प्रभावित गांव के बेरोजगारों को 100 आउटसोर्सिंग में रोजगार उपलब्ध कराया जाए। प्रभावित व पुनर्वास गांव की महिलाओं को स्वरोजगार प्रदान किया जाए। पुनर्वास गांव में काबिज भू-विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाए। पुनर्वास गांव गंगानगर में तोड़ी गई संपत्ति की क्षतिपूर्ति व मुआवजा दिया जाए। डिप्लेयरिंग प्रभावितों को नुकसान की क्षतिपूर्ति व मुआवजा तथा पुनर्वास सभी गांव को पूर्ण विकसित मॉडल गांव बनाना शामिल है।