नि:शुल्क आयुर्वेद-योग चिकित्सा परामर्श व उपचार शिविर 15 अगस्त को
0 ख्यातिलब्ध आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य डॉ. नागेंद्र नारायण शर्मा देंगे सेवाएं
कोरबा। चलो आयुर्वेद की ओर मिशन के तहत स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट एवं आयुष मेडिकल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में नि:शुल्क मधुमेह रक्त शर्करा जांच तथा स्त्री, पुरुष एवं बच्चों के सभी सामान्य, साध्य, कष्टसाध्य एवं असाध्य रोगों हेतु निशुल्क आयुर्वेद-योग चिकित्सा परामर्श एवं उपचार शिविर का आयोजन 15 अगस्त मंगलवार को पतंजलि चिकित्सालय महानदी कॉम्प्लेक्स दुकान क्रमांक 10 निहारिका रोड कोरबा में सुबह 10 से दोपहर 2 बजे तक किया गया है।
शिविर के बारे में लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट के अध्यक्ष शिव जायसवाल ने बताते हुए कहा कि इस शिविर में छत्तीसगढ़ प्रांत के ख्यातिलब्ध अनुभवी आयुर्वेद चिकित्सा विशेषज्ञ वैद्य डॉ. नागेन्द्र नारायण शर्मा अपनी चिकित्सकीय सेवाएं देंगे। वे कैंसर, मधुमेह, थायरायड, ब्लडप्रेशर, श्वास, टीबी, लकवा, साइटिका, गठियावात, पथरी, पीलिया, मस्तिष्कगत रोग माइग्रेन, डिप्रेशन, अनिद्रा, अम्लपित्त, गैस, दुर्बलता, बन्ध्यत्व (स्त्री-पुरुष), श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, हृदय रोग, चर्मरोग, सोरायसिस, एक्जिमा, शीतपित्त आदि स्त्री, पुरुषों एवं बच्चों के सभी प्रकार के सामान्य, साध्य, कष्टसाध्य एवं असाध्य रोगों का त्रिविध प्रकार से स्वास्थ्य परीक्षण कर संबंधित रोग के नियंत्रण एवं उपचार हेतु परामर्श के साथ साथ उनके लिये उपयोगी योगाभ्यास तथा प्राणायाम का व्यक्तिगत रूप से अभ्यास कराकर विशेष प्रायोगिक प्रशिक्षण भी देंगे। साथ ही रोगियों को उनके लिये उपयोगी जीवनशैली के बारे में भी व्यक्तिगतरूप से परामर्श देने के साथ साथ उनके लिये लाभकारी दिनचर्या-ऋतुचर्या, आहार-विहार के विषय मे व्यक्तिगतरूप से विस्तार से परामर्श देंगे। शिविर में शिविरार्थियों को नि:शुल्क औषधि देने के साथ-साथ मधुमेह रोगियों की रक्त शर्करा की जांच भी नि:शुल्क की जाएगी। रोगियों को उपयोगी लाभकारी स्वास्थ्य पुस्तिका भी नि:शुल्क प्रदान की जाएगी। लायंस क्लब कोरबा एवरेस्ट के अध्यक्ष शिव जायसवाल ने अंचलवासियों से स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर आयोजित इस विशेष शिविर का लाभ उठाने की अपील की है। शिविर में पंजीयन कराने हेतु मोबाइल नंबर 9826111738 पर संपर्क कर जांच हेतु निर्धारित समय प्राप्त किया जा सकता है, जिससे शिविरार्थियों को असुविधा न हो।