जनता कांग्रेस (जे) के सुप्रीमो एक बडी वजह के कारण अब कटघोरा से चुनाव नहीं लड़ेंगे…
✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा
कोरबा। जनता कांग्रेस छतीसगढ़(जोगी)के सुप्रीमो अमित जोगी की सामान्य सीट कटघोरा विधानसभा से चुनाव लड़ने की संभावना इसलिए कम हो गई हैं क्योंकि जोगी परिवार के दो सदस्य डॉ रेणु जोगी कोटा विधानसभा और ऋचा जोगी अकलतरा विधानसभा से चुनाव लड़ेगी. ऐसी स्थिति में अमित जोगी यदि स्वयं चुनाव लड़ते हैं तो पार्टी प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार करने में उन्हें दिक्कत इसलिए होगी, क्योंकि वे एक चुनाव क्षेत्र में बंध कर रह जाएंगे।हालांकि पार्टी की तरफ से यह बयान अभी तक नहीं आया हैं कि अमित जोगी चुनाव लड़ेंगे या नहीं. कोरबा जिले की चार विधानसभा क्षेत्र में से जोगी कांग्रेस ने केवल पाली तानाख़ार सीट से छत्रपाल सिह कंवर को प्रत्याशी बनाया हैं. कोरबा, कटघोरा और रामपुर सीट के लिये प्रत्याशी धोषित नहीं किये गए हैं।
कटघोरा विधानसभा के लिए जनता कांग्रेस (जोगी) प्रत्याशी का नाम धोषित नहीं करती तब तक अमित जोगी के नाम पर यहां चर्चा होती रहेगी। अमित जोगी चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित ही कटघोरा की सियासत में उलट फेर की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.पता चला हैं कि जोगी परिवार से डॉ रेणु जोगी,अमित जोगी और ऋचा जोगी में से कोई दो सदस्य ही चुनाव लड़ेंगे,इसके पीछे का कारण यह हैं कि विधानसभा चुनाव में खड़े जनता कांग्रेस छतीसगढ़ (जोगी) के प्रत्याशियो के लिए चुनाव प्रचार करने की जिम्मेदारी किसी एक को निभानी पड़ेगी.
छतीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और भाजपा में टिकट वितरण के बाद जो आक्रोश कार्यकर्ताओं और टिकट से वंचित नेताओं में दिख रहा हैं. उसका फायदा जोगी कांग्रेस को मिल सकता हैं लेकिन इसके लिए रणनीति बनाकर इनके नेताओं को अपने प्रत्याशीयो के लिए मेहनत करनी पड़ेगी और वह जोगी परिवार के किसी सदस्य के चुनाव प्रचार में जाने से ही संभव हो पायेगा. जोगी परिवार के तीनों सदस्य पार्टी के स्टार प्रचारक हैं और इनको सुनने लोग एकत्रित भी होते है.पार्टी सुप्रीमो अमित जोगी इस बात को भलीभांति समझते हैं कि चुनावी हवा का रुख क्या हैं और उसे बदलने के लिए कौन सी सियासी चाल चलनी पड़ेगी. उन्हें यह भी पता है कि राष्ट्रीय दल के नेता यह चाहते हैं कि अमित भी चुनाव लड़े ओर एक क्षेत्र में सीमित हो जाये.
अमित जोगी का नाम कटघोरा से चुनाव लड़ने के लिए आने के बाद से यहां सियासत गरमा गई कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम कंवर जो दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं थोड़े चिंतित जरूर दिखे और यही चिंता भाजपा प्रत्याशी प्रेमचंद पटेल के चेहरे पर देखने को मिली. जो पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे.कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशीओ की चिंता दरअसल चुनावी बजट के बढ़ने और कार्यकर्ताओं के इधर उधर होने को लेकर रही होगी.क्योंकि अमित के मैदान में उतरते ही वे हर पैतरे का इस्तेमाल करते जो चुनावी जंग जीतने के लिए वर्तमान में किया जाता हैं.
बता दे कि 2018 के कटघोरा विधानसभा चुनाव में जनता कांगेस छतीसगढ़ तीसरे पोजीशन में थी यह चुनाव कांग्रेस ने जीता और भाजपा यहां दूसरे नम्बर पर रही.कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम कंवर को 59,227 वोट,भाजपा प्रत्याशी लखनलाल देवांगन को 47,716 वोट तथा जोगी कांग्रेस प्रत्याशी गोविंद सिंह राजपूत को 30,509 वोट मिले थे।यही 30,509 वोट अमित जोगी को यहां से चुनाव लड़ने के लिए आकर्षित करने लगा. हालांकि जोगी कांग्रेस कोरबा जिला के नेताओं ने एक माह पहले से कटघोरा की नब्ज टटोलना शुरू कर दिया था और यह बात सामने आई कि जूनियर जोगी के लिए कटघोरा विधानसभा सीट एकदम सुरक्षित हैं बूथ औऱ सेक्टर लेबल पर तैयारी भी कर ली गई थी. जिससे ऐसा लगने लगा था कि अमित जोगी कटघोरा सीट से चुनाव लड़ने का पूरा मुड़ बना चुके हैं किन्तु छतीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री स्व.अजित जोगी की धर्मपत्नी डॉ रेणु जोगी (कोटा विधानसभा) तथा जनता कांग्रेस (जोगी) के सुप्रीमो अमित जोगी की धर्मपत्नी ऋचा जोगी (अकलतरा विधानसभा) से चुनाव लड़ने की धोषणा के बाद से अमित जोगी ने अपनी रणनीति बदल दी हैं औऱ वे संभवतः किसी भी विधानसभा से स्वयं 2023 में चुनाव नहीं लड़ेंगे.