November 23, 2024

मोक्षदायिनी है भागवत कथा का आयोजन : राहुल कृष्ण

0 कलश यात्रा के साथ पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह का शुभारंभ
कोरबा।
पंडित रविशंकर शुक्ल नगर में पोड़ीबाहर होते हुए कथा स्थल तक बाजे-गाजे के साथ भव्य शोभायात्रा सहित कलश यात्रा निकाली गई। वैदिक मंत्रोच्चार, पूजन अर्चन के साथ विधिवत् सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आरंभ हुआ।
तुलाराम राठौर के द्वारा राठौर परिवार के तत्वावधान में आयोजित भागवत कथा के प्रथम दिन कथा व्यास से भागवत आचार्य पंडित राहुल कृष्ण महाराज वृंदावन से आये आचार्य ने कहा कि जन्म-जन्मांतर एवं युग-युगांतर में जब पुण्य का उदय होता है, तब ऐसा अनुष्ठान होता है। भागवत कथा श्रवण मात्र जीवन के सारे पाप मिट जाते हैं। श्रीमद् भागवत महापुराण को वेदों का सार कहा गया है। उन्होंने श्रीमद् भागवत महापुराण का बखान करते हुए कहा कि सबसे पहले सुखदेव मुनि ने राजा परीक्षित को भागवत कथा सुनाई थी। उन्हें सात दिन के अंदर तक्षक के दंश से मृत्यु का श्राप मिला था। कथा व्यास ने आगे बताया कि श्रीमद् भागवत कथा अमृत पान करने से संपूर्ण पापों का नाश होता है। श्रीमद् भागवत महापुराण वेदों का सार है, जब ज्ञान वैराग्य की मूर्छा दूर करने के लिए ऋषियों ने देवर्षि नारद से कहा कि आप ज्ञान और वैराग्य को जगाने के लिए उन्हें श्रीमद् भागवत महापुराण सुनाओ। नारद जी ने कहा कि ऋषिवर मैंने उन्हें सारे वेद और उपनिषेद सुना दिए हैं। जब वेदों व उपनिषेदों से कोई फायदा नहीं हुआ तो भागवत पुराण से क्या फायदा होगा। ऋषियों ने कहा कि भागवत महापुराण सभी ग्रंथों का सार है, जो फायदा सार शिक्षा से होता है वह पूरी कहानी पढ़ने से नहीं होता है। यह ज्ञानियों का चिंतन, संतों का मनन, भक्तों का वंदन तथा भारत की धड़कन है। किसी का सौभाग्य जब शिखर पर होता है तब उसे श्रीमद् भागवत पढ़ने, कहने व सुनने को मिलती है।

आचार्य राहुल कृष्ण महाराज ने कहा कि भागवत अमृत की भांति है, इसके सुनने से मनुष्य भवसागर में तर जाता जाता है। इसके सुनने से मनुष्य भवसागर से तर जाता है। परमात्मा का नाम नहीं ले तो वह जीवन में पशु के समान है। उन्होंने कहा कि कण-कण में भगवान हैं। आप जिस रूप में भगवान को याद करें वही रूप भगवान का है। जरूरी नहीं है कि आप स्मरण करने के लिए मंदिर जाएं। जरूरी है कि भगवान का स्मरण करने के लिए मन मंदिर को सजाएं और उनकी भक्ति करें। इससे जीवन के सारे दुख और संकट को सहने की शक्ति आपको मिले। लक्ष्मी निवास में प. रविशंकर शुक्ल नगर सैट पैलाटी स्कूल के समाने यह कथा प्रतिदिन दोपहर 3 से देर शाम तक चलते रहेगी है। कथा का समापन 31 दिसंबर को सहस्त्र धारा, हवन पूर्णाहुति के साथ होगा। आयोजन कृष्ण कुमार राठौर एवं उनकी धर्मपत्नी रमा राठौर द्वारा किया जा रहा है।

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