September 12, 2024

शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन द्वारा 11 सूत्रीय मांग पूरी करने राज्य शासन के नाम जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया

कोरबा 4 नवम्बर। शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन कोरबा द्वारा 11 सूत्रीय मांग पूरी करने के लिए राज्य शासन के नाम मंगलवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया।

छत्तीसगढ़ में कोरोना महामारी संक्रमण काल में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मितव्ययता एवं अनुशासन के नाम पर राज्य कर्मचारियों को मिलने वाली नियमित वेतन वृद्धि इंक्रीमेंट, महंगाई भत्ता, अनुकंपा नियुक्ति, सातवां वेतनमान के एरियर पर रोक लगाकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के कथनानुसार राज्य सरकार असंवेदनशील एवं अमानवीय व्यवहार कर रही है। करोना संकट काल के दौरान राज्य सरकार ने निगम, मंडल, प्राधिकरण में लगभग तीन दर्जन राजनैतिक व्यक्तियों की नियुक्तियां की, 15 संसदीय सचिवों की नियुक्ति की ,विगत 28 अगस्त को विधानसभा सत्र में वर्तमान एवं पूर्व विधायकों के भत्ते, वेतन एवं पेंशन राशि में 2 गुना वृद्धि की, विगत 20 वर्षों से चल रही विधानसभा भवन के स्थान पर नया रायपुर में नए विधानसभा भवन एवं विधायक विश्रामगृह, मुख्यमंत्री, मंत्री एवं अधिकारियों के बंगले, नई दिल्ली में नवा छत्तीसगढ़ भवन, मुख्यमंत्री सुगम सड़क बनाने की नई योजना, धरसा निर्माण की नई योजना के साथ साथ आए दिन 200, 300 करोड़ के नए निर्माण कार्यों की आरंभ किया गया, किन्तु सरकारी कर्मचारियों, दैनिक वेतन भोगी, संविदा कर्मचारियों पेंशनर की जायज मांगों की अनदेखी से प्रदेश का कर्मचारी जगत आक्रोशित एवं दुखी है। करोना संक्रमण से बचाव में लगे हुए कर्मचारियों एवं चिकित्सकों की आए दिन हो रही मृत्यु से मृतक कर्मचारी का परिवार मानसिक एवं आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रहा है।
हमारी प्रमुख मांगे :
(1) प्रदेश के लिपिको सहित समस्त कर्मचारियों के वेतनमान की विसंगति तत्काल दूर किया जावे।
(2 ) करोना संक्रमण से मृतक कर्मचारी के आश्रित परिवार को ₹50 लाख का अनुदान एवं परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार विशेष अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किया जाए।
(3) करोना वारीयर के रूप में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक नर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ को प्रोत्साहन राशि के रूप में एक माह का अतिरिक्त वेतन प्रदान किया जावे।
(4 ) जुलाई 2020 में मिलने वाली वेतन वृद्धि को तत्काल बहाल किया जावे।
(5) करोना संक्रमण के पहले का जुलाई 2019 में 5% देय महंगाई भत्ता समस्त कर्मचारियों एवं पेंशनरों को प्रदान किया जाए।
(6) तृतीय श्रेणी के पदों पर विगत 2 वर्षों से अनुकंपा नियुक्ति में लगी रोक तुरंत हटाया जाए एवं सभी लंबित प्रकरणों का 1 माह के समय सीमा में निराकरण किया जाए।
(7 ) समस्त विभागों में लंबित पदोन्नति की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ किया जाए एवं एक समान रूप से सभी संवर्गों को क्रमोन्नत एवं समयमान वेतनमान का लाभ दिया जाए।
(8) चतुर्थ श्रेणी के कार्यभारित दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित पदस्थापना में नियुक्त कर नियमित कर्मचारियों के समान समस्त लाभ दिया जाए।
(9) करोना से पीड़ित शासकीय कर्मचारी एवं उसके आश्रित सदस्यों के इलाज में खर्च राशि की चिकित्सा प्रतिपूर्ति हेतु समस्त विभागों में विशेष आवंटन राशि प्रदान किया जाए।
(10) नई पेंशन योजना स्थान पर पुरानी पेंशन योजना राज्य में लागू की जाए।
(11) प्रदेश के समस्त संविदा कर्मचारियों को नियमित कर नियमित कर्मचारियों के समान समस्त लाभ दिया जाए।
अतःआपसे अनुरोध है की शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के उपरोक्त मांगों पर उदारता एवं न्याय प्रियता के साथ प्रतिनिधिमंडल से सार्थक चर्चा करते हुए शीघ्र घोषणा करने की कृपा करेंगे ।
शासकीय अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के जुझारू साथियों ने दो दिवसीय सत्याग्रह आंदोलन घंटा घर चौक पर किया और शाम 4 बजे रैली निकालकर कलेक्टर कोरबा के माध्यम से ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर जगदीश खरे, सुरेश द्विवेदी, तरुण सिंह राठौर, एम एल यादव प्रदीप गुप्ता, जे पी कोसले, राजेंद्र मिश्रा, हरीश राठौड़ एम डी महंत, जे बी करपे, मान सिंह राठिया, बी के निराला, विपिन यादव, संपत टोप्पो , दामोदर तिवारी, सुभाष डडसेना, अनूप कोर्राम, पी पी एस राठौर, टी आर कुर्रे, रमाकांत पटेल, दिनेश सिंह, एस पी साहू, पी पी यादव, प्रभात शर्मा, लाखन सिंह, पवन सोनी, अनिल शर्मा, कपिल सवैय एवं भारी संख्या में अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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