राज्यपाल ने की माउंट एवरेस्ट की सफलता पूर्वक चढ़ाई करने वाले अंबिकापुर के राहुल की हौसला अफजाई
रायपुर 20 नवम्बर। राज्यपाल अनुसुइया उइके ने विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की सफलता पूर्वक चढ़ाई करने वाले अंबिकापुर के राहुल गुप्ता की हौसला आफजाई की है। राहुल ,छत्तीसगढ़ के इकलौते पर्वतारोही है जिन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई सफलता पूर्वक पूरी की है। एक बार विनाशकारी भूकंप और दूसरी बार स्वास्थ्यगत परेशानियों की वजह से माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई का अभियान बीच में ही रोकने मजबूर हुए राहुल ने तीसरी बार में फतह प्राप्त की।
अंबिकापुर के राहुल गुप्ता ने सेना के जवानों के साथ पर्वतारोहण का प्रशिक्षण लिया है। माउंट किलिमंजारो, माउंट एलब्रुस को सफलतापूर्वक चढ़ाई पूरी करने के बाद राहुल ने वर्ष 2018 में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई पूरी की थी। आज उन्हें माउंटेनमैन के रूप में जाना जाता है। राज्यपाल अनुसुईया उइके से गुरुवार को राजभवन में माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करने वाले पर्वतारोही राहुल गुप्ता ने सौजन्य मुलाकात की। राहुल ने राज्यपाल को छत्तीसगढ़ शासन के प्रतीक चिन्ह वाले उस ध्वज को भेंट की जिसे उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फहराया था। यह प्रतीक चिन्ह एक राज्य सम्मान के रूप में राजभवन में रखा जाएगा। राज्यपाल ने उन्हें माउंट एवरेस्ट की चोटी पर फतह पाने के लिए बधाई दी।
राज्यपाल ने राहुल की हौसला अफजाई की
उन्होंने कहा कि माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का नाम पूरे विश्व में ऊंचा किया है। उन्होंने राहुल को प्रदेश का गौरव निरूपित कर कहा कि उनसे युवाओं को प्रेरणा मिलेगी। राहुल गुप्ता ने 14 मई 2018 में माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त किया था। वे प्रदेश के पहले व एकलौते पर्वतारोही है जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की है। अपने आठ साल के करियर में राहुल ने 14 पहाड़ों की चोटियों (अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय) को अपने लीडरशिप में खुद और कई देशों के पर्वतारोहियों टीमों को फतह कराया है।
चार अप्रैल 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राहुल को तिरंगा, फ्लैग ऑफ सेरेमनी में दिया था, जिसे राहुल ने 14 मई 2018 को दुनिया की सर्वोच्च चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मी.) में फहरा कर वापस 17 जुलाई 2018 को छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से राष्ट्रपति को भेंट किया था, तब से राष्ट्रपति भवन में ये ससम्मान धरोहर के रूप मे लगाया गया है। छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतीक चिन्ह जो एवरेस्ट में लगाया गया था, उसे राजभवन में राज्य सम्मान के रूप में रखे जाने की जानकारी दी गई है।राहुल के पिता छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में प्रबंधक है। वर्तमान में राहुल, पर्वतारोहण और साहसिक खेलों को बढ़ावा देने के अभियान में लगे हुए है।