October 2, 2024

कामरेड मारकण्डेय सिंह की पांचवीं पुण्य तिथि 22 दिसंबर को राजनगर शहीद भगत चौक में मनाया जाएगा – हरिद्वार सिंह

बिलासपुर 19 दिसम्बर। एटक यूनियन के कद्दावर श्रमिक नेता, पूर्व महासचिव सह एसईसीएल के पूर्व संचालन समिति के सदस्य कामरेड स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह जी का पांचवां पुण्यतिथि 22 दिसंबर 2020 को राजनगर शहीद भगत चौक पर 12 बजे दिन मे मनाया जायेगा। पूर्व श्रमिक नेता कामरेड स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह जी का दुखद निधन दिनांक: 22.12.2015 को हुआ था। कामरेड स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह जी पूरे श्रमिक जगत में बहुप्रचलित श्रमिक नेता थे। उनकी कार्यशैली/नेतृत्व व अद्भुत व्यक्तित्व के सभी समर्थक थे। श्रमिक वर्ग के उत्थान लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों के फल स्वरुप उन्हें सर्वोच्च राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। कोयला प्रबंधन भी उनके नेतृत्व व व्यक्तित्व से अभिभूत था। श्रमिक वर्ग के अनेकों समस्याओं का निराकरण उनके द्वारा बड़ी सहजता से कर दिया जाता था जिसका लोहा सभी मजदूर मानते थे और उन्हें सम्मान देते थे। पुण्य तिथि के अवसर पर एटक एसईसीएल के महासचिव एवं एसईसीएल संचालन समिति के सदस्य, मध्यप्रदेश एटक के प्रांतीय अध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

कामरेड हरिद्वार सिंह ने जानकारी दिया है कि इस पुण्य तिथि के कार्यक्रम में हसदेव क्षेत्र के साथ साथ एसईसीएल के विभिन्न क्षेत्रों के एटक यूनियन के नेतागण और कार्यकर्त्ता शामिल होंगे। कामरेड हरिद्वार सिंह ने कहा कि स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह एटक परिवार के मुखिया रहे और उन्होंने ही एसईसीएल में एटक को एक विशेष पहचान दिया। कामरेड स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह एक संगठन के साथ साथ पूरे एसईसीएल के सबसे वरिष्ठ ही नहीं अन्य सभी संगठनों के प्रतिनिधियों में भी सबसे वरिष्ठ व प्रभावशाली थे। उनके द्वारा श्रमिकों के उत्थान हेतु किए गए संघर्षों का लोहा समस्त जनता व अन्य श्रमिक संगठन भी मानते हैं। उनका दुखद निधन हम सभी के लिए एक अपूरणीय क्षति रही है। हमने अपना अभिभावक व श्रमिक वर्ग ने अपना एक सशक्त नेता को खोया है, उनकी कमी को किसी भी तरह से पूरा नहीं किया जा सकता। उन्हीं की याद में राजनगर भगत सिंह चौक में उनकी पांचवी पुण्यतिथि हम लोग मनाएंगे।

कामरेड हरिद्वार सिंह ने आम जनों से भी अपील किया है कि नेताजी स्वर्गीय मारकण्डेय सिंह के इस पुण्य तिथि के कार्यक्रम में शामिल होवे।

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