कोरबा: शासकीय भूमि पर कब्जे का प्रयास, वार्डवासियों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, कलेक्टर से की शिकायत
कोरबा। वार्ड क्रमांक 3 रातखार के निवासियों द्वारा हस्ताक्षर अभियान चलाकर कलेक्टर के समक्ष शिकायत की गई है कि राताखार स्थित नजूल की भूमि जिसे वार्डवासियों द्वारा सार्वजनिक कार्य हेतु चिन्हांकित किया गया था उसे वार्ड के ही दो निवासी सुमन खांडे व गोपाल शर्मा द्वारा विगत कई वर्षों से जबरन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। जिस समय कोरोना वायरस अपने चरम पर था व पूरे देश मे लॉकडाउन लगा हुआ था साथ ही संबंधित शासकीय आफिस बंद थे व अधिकारी कोरोना महामारी के रोकथाम में व्यस्त थे। उस समय लॉकडाउन का फायदा उठाते हुए रातो रात उक्त भूमि पर दो कमरा व बाथरूम बनाकर कब्जा करने का प्रयास भी किया गया था। जिसे वार्ड पार्षद द्वारा पुलिस की मदद से तुड़वाया गया। वार्डवासियों द्वारा कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
वार्ड क्रमांक 3 के वार्ड वासियों द्वारा कहरापारा तालाब के पास लगभग 15 से 20 डिसमील शासकीय भूमि को वार्ड वालों की सहमति से सार्वजनिक कार्य व शासकीय अस्पताल बनवाने के लिए चिन्हांकित किया गया था। उक्त शासकीय भूमि पर मोहल्ले के निवासी सुमन खांडे द्वारा रातों रात दो कमरा व बाथरूम बनाकर कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। जिसकी शिकायत वार्डवासियों द्वारा तहसील कार्यालय व सिटी कोतवाली में की गई। तहसीलदार के आदेश पर कोतवाली थाना प्रभारी व वार्ड पार्षद द्वारा मौका स्थल में पहुच कर उक्त कार्य को बंद करवाया गया।
सात वर्ष पूर्व भी उक्त शासकीय भूमि को वार्ड निवासी गोपाल शर्मा द्वारा रातों रात एक कमरा बनाकर कब्जा कर लिया गया था। जिसकी शिकायत भी वार्डवासियों द्वारा नगर निगम में किया गया था जिसके बाद निगम द्वारा उक्त अवैध निर्माण को तोड़ दिया गया था।
इसके अलावा भी सुमन खंडे व गोपाल शर्मा द्वारा कई बार अवैध निर्माण कर कब्जा करने का प्रयास किया गया। लेकिन हर बार नगर पालिक निगम की मदद से अवैध निर्माण को तोड़वा दिया गया। लगातार प्रयास के बावजूद वार्डवासियों की तत्परता के कारण वे उक्त शासकीय भूमि पर कब्जा नही कर पाए।
वार्डवासियों ने शिकायत में कहा कि सुमन खांडे द्वारा अपने मित्र गोपाल शर्मा के साथ मिल कर बस्तीवासियों द्वारा सार्वजनिक कार्य हेतु चिन्हांकित भूमि पर लगातार गुंडा गर्दी करते हुए कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा है। सुमन खांडे द्वारा आये दिन बस्तीवासियों से मारपीट व गाली गलौच किया जाता है मारपीट व गाली गलौच के मामले में सुमन खांडे के विरुद्ध के अपराध भी पंजीकृत हैं तथा वह जमानत लेकर रिहा है। जाती से सतनामी होने के कारण विरोध करने पर जातिगत गाली गलौच व हरिजन एक्ट में फंसाने की धमकी भी दिया जाता है व झूठे मामले में बहुतों को अंदर भी कराया गया है। जिसके कारण बस्तीवासियों को लगातार परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बस्तीवासियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर सामूहिक रूप से विरोध प्रकट करते हुए कलेक्टर महोदया से सुमन खांडे व गोपाल शर्मा के विरुद्ध प्रतिबंदित कार्यवाही की मांग की।