कीटनाशक सेवन करने से महिला की मौत, मामला उलझने पर पुलिस से शिकायत
कोरबा 30 जनवरी। यहां के सरकारी जिला अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती एक महिला की आखिरकार मौत हो गई। चूहामार दवा का सेवन करने पर उसे यहां भर्ती कराया गया था। सांसे थमने पर अस्पताल प्रबंधन की ओर से परिजनों को पीली पर्ची पकड़ा कर शव ले जाने को कहा गया। मृतिका के परिजन शव के पोस्टमार्टम की मांग कर रहे हैं। इस मसले पर अस्पताल के रवैये को लेकर उन्होंने रामपुर चौकी में शिकायत की गई है।
जानकारी के अनुसार कोरबा नगर के सीतामणी क्षेत्र में निवासरत एक परिवार की महिला सदस्य मंजू ने कुछ दिन पहले अज्ञात कारण से कीटनाशक का सेवन कर लिया था। इस बारे में परिजनों का दावा है कि वह कीटनाशक चूहामार दवा थी। जिसकी कुछ मात्रा उपयोग में ली गई। इसके प्रभाव से मंजू की स्थिति बिगड़ गई। उसे अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां उपचार चल रहा था। वस्तुस्थिति के संबंध में डॉक्टर को अवगत कराया गया था। उक्तानुसार उसे दवाएं दी गई। कुछ दिन बीतने के बाद आखिरकार उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि मौत स्वाभाविक नहीं है और वे सुरक्षा के दृष्टिकोण से मृतका के शव का पोस्टमार्टम कराने चाहते हैं। समस्या यह है कि इस मौत के सिलसिले में अस्पताल की ओर से पीली पर्ची पकड़ा दी गई है। इसका आशय होता है कि उपचार के दौरान मौत हुई है और मसला सामान्य है। उन्हें शव ले जाने के लिए कहा गया है। इस पर तनातनी बनी हुई है। इस प्रकरण को लेकर अस्पताल चौकी के पास परिजन पहुंचे। चूंकि अस्पताल से वहां मेमो नहीं दिया गया इसलिए पुलिस के हाथ बंधे हुए हैं। पेंच समझ में आने पर परिजनों ने रामपुर पुलिस चौकी पहुंचकर शिकायत करायी। मांग की गई है कि यह मामला सामान्य मौत का नहीं है, इसलिए मृतका का शव परीक्षण कराने की व्यवस्था की जाए।
हाल में ही सड़क हादसे में दो युवकों की मौत होने के बाद पोस्टमार्टम करने में अनावश्यक विलंब किये जाने को लेकर अस्पताल परिसर में विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में अलग-अलग स्तर से जानकारी दी गई और मामला समझाया गया तब ले-देकर पोस्टमार्टम हो सका। सबसे बड़ी दिक्कतें तब होती है जब डॉक्टर समय पर पोस्टमार्टम हाउस में नहीं पहुंचते और प्रक्रिया को पूरा करने में विलंब करते हैं। इस स्थिति में दूरदराज से आने वाले लोगों को काफ़ी दिक्कतें झेलनी पड़ती है।