व्यवसायिक उद्देश्य की पूर्ति, कई ट्रैक्टर पर पेनाल्टी परिवहन विभाग का उड़नदस्ता अचानक नींद से जागा
कोरबा 3 फरवरी। परिवहन विभाग का उड़नदस्ता अचानक नींद से जाग उठा है उरगा क्षेत्र में उसके निशाने पर रेत और गिट्टी ढोने वाली ट्रैक्टर ट्रॉलीया रही मौके पर इन वाहनों को पकड़ने के साथ उनका पुलिस थाना के हवाले किया गया चालकों को यह कार्रवाई हैरत भरी नजर आई आस-पास के लोगों ने इस बात पर सवाल उठाया कि राख ढोने वाले वाहनों पर आखिर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती।
समय-समय पर वाहनों की जांच करने का काम परिवहन विभाग का उड़नदस्ता भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में करता है इस बार उसने उरगा क्षेत्र को टारगेट बनाया और यहां कैंप करते हुए आवाजाही करने वाले ट्रैक्टर वाहनों की धरपकड़ की ट्रैक्टर ट्राली में या तो रेत लोड थी या फि र गिट्टी ट्राली की क्षमता के अनुसार इनमें सामान लोड था और इसी हिसाब से संबंधित चालकों ने रॉयल्टी का भुगतान किया था इसलिए आनन-फ ानन में वाहनों की धरपकड़ होने से इनके चालक तो सकते में आए हैं इनके मालिकों को भी परेशान होना पड़ा कुछ देर में कई ट्रैक्टर को पकड़ने के साथ परिवहन विभाग ने उन्हें उरगा पुलिस के हवाले किया चालको ने बताया कि कार्रवाई क्यों की गई उनकी समझ से परे हैं अब उन्हें हजारों का जुर्माना देने को कहा गया है।
क्षेत्र में इस कार्रवाई को लेकर आस-पास के लोगों से बातचीत की और जानना चाहा कि क्या परिवहन विभाग दूसरे वाहनों को लेकर भी इसी प्रकार से गंभीर है। इस दौरान ऑटोमोबाइल के कामकाज से जुड़े एक कारोबारी ने बताया कि क्षेत्र में राख परिवहन करने वाले वाहन लगातार चलते हैं इन वाहनों से राख यहां पर गिरती है और कई प्रकार के खतरे उत्पन्न होते हैं यह सब मामले परिवहन विभाग की जानकारी में होते हैं लेकिन ऐसे किसी भी वाहन पर कार्रवाई नहीं होती सामान्य तौर पर बाइक और अन्य वाहनों पर कार्रवाई की जाती है।
मामले में परिवहन निरीक्षक ने जानकारी दी कि जो वाहन पकड़े गए हैं उनमें या तो नंबर नहीं थे या फि र उधर रजिस्ट्रेशन नहीं है इसके साथ ही कृषि कार्य के लिए दिए गए वाहनों का उपयोग व्यवसायिक रूप से किया जा रहा है। सवाल यह भी जायज है कि बिना नंबर से चलने वाले हर तरह के वाहनों पर परिवहन विभाग की नजर आखिर क्यों नहीं जा रही हैं जिनकी संख्या जिले में लगातार बढ़ रही है। कहां जा रहा है कि गॉड खनिज के अवैध परिवहन के मामलों में केवल ट्रैक्टर ट्रॉली ही शामिल नहीं है हाईवे से लेकर दूसरे वाहनों का उपयोग भी ऐसे मामलों में हो रहा है कहीं ऐसा तो नहीं कि जान-बूझकर छोटे वाहनों को ही परिवहन विभाग निशाने पर ले रहा है और बड़े वाहनों को संरक्षण देने की कोशिश की जा रही है। कोरबा जिले में राख को यहां वहां डंप करने की घटनाएं सुर्खियां बटोर रही हैं इन्हें लेकर लोगों का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है फि र भी इस काम में लगे वाहनों पर परिवहन विभाग की नजर आखिर क्यों नहीं पड़ रही है यह अपने आप में हैरत का विषय तो है ही देखना होगा कि विभाग के अधिकारी इस दिशा में कब तक नींद से जागेंगे।