अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई हसदेव दायीं और बायीं तट नहर की जमीन
कोरबा 12 फरवरी। हसदेव बांगो परियोजना की शहर से गुजरी दायीं और बायीं तट नहर के दोनों ओर 20 से 50 मीटर जमीन अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई। शहर के बीच से 12 किलोमीटर लंबी नहर गुजरी है। नहर की निगरानी के लिए एसडीओए सब इंजीनियरए पटवारी के साथ ही कर्मचारी हैं, लेकिन किसी ने भी अतिक्रमण रोकने का प्रयास नहीं किया। इस वजह से अब भी अतिक्रमण हो रहा है।
दर्री बराज से 35 साल पहले दायीं और बायीं तट नहर सिंचाई के लिए बनाई गई है। यहां से नहर जांजगीर.चांपा जिले के चंद्रपुर और शिवरीनारायण तक गई है। शहर में नहर किनारे दायीं तट नहर प्रगतिनगर होते हुए बरमपुरए सर्वमंगला होते हुए कनकी तक गई है। बायीं तट नहर कोहड़िया से होते हुए 15 ब्लॉक, पंप हाउस, टीपीनगर, राताखार, तुलसीनगर, इमलीडुग्गू, संजयनगर, सीतामढ़ी से आगे बरबसपुर उरगा निकलती है। इसके किनारे ही अब कई बस्तियां बस गई हैं। लोगों ने पक्के मकान भी बना लिए हैं। यहां तक कि नहर के बंड को भी लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी कर्मचारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। तुलसीनगर से लेकर सुनालिया चौक के बीच तो गार्डन भी बना दिया है। यही नहीं रास्ते को घेरकर रखा है। इसकी जानकारी विभाग के अफसरों को दी थीए लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। यहां के अधिकारी कर्मचारी 25 से 30 साल से जमे हुए हैं। इसी वजह से अपनी लापरवाही छिपाने कार्रवाई भी नहीं कर रहे।
दायीं तट नहर 23 किलोमीटर तक दर्री उप संभाग के जिम्मे है। साथ ही बायीं तट नहर 32 किलोमीटर आता है। इसके आगे का हिस्सा जांजगीर.चांपा जिले में आता है, लेकिन यहां के अधिकारी शहर की जमीन को भी नहीं बचा पाए। नहर के बंड को नुकसान होने पर मिट्?टी की जरूरत पड़ने पर दूर जाना न पड़ेए इसके लिए ही दोनों किनारे जमीन अधिग्रहित की जाती है। कहीं 20.20 मीटर तो कहीं 50.50 मीटर जमीन नहर किनारे छोड़ी गई है। उसी जमीन पर अब अतिक्रमण हो गया है। नहरों की जमीन पर नजर रखने के लिए विभाग ने सब इंजीनियर व पटवारी हैं। साथ ही कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाती है। इसके बाद भी अतिक्रमण रोकने कोई प्रयास नहीं किया गया। सब इंजीनियर और कर्मचारी तो फील्ड ही नहीं जाते। बरमपुर से दर्री बराज तक नहर के किनारे सड़क चौड़ीकरण करने सिंचाई विभाग ने सर्वे किया था, जिसमें यह पाया था कि 180 लोगों ने विभाग की जमीन पर कब्जा किया है। उन्हें नोटिस दिया था, लेकिन अतिक्रमण हटाना भूल गए।