November 7, 2024

क्या छत्तीसगढ़ को मिलने जा रहा है- नया मुख्यमंत्री ? कोरबा में हो रही सरगोशियां !!

कोरबा 1 मार्च। क्या छत्तीसगढ़ को नया मुख्यमंत्री मिलने जा रहा है? क्या नईदिल्ली से ऐसा कोई संकेत दिया गया है? सच चाहे जो हो परंतु कोरबा में ऐसी ही सरगोशियां प्रारंभ हो गई है। दूसरी ओर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सख्ती भी चर्चा में है और इसके चलते जिला मुख्यालय के अनेक लोग सख्ते में नजर आने लगे हैं।

दरअसल इसके पीछे 20 से 28 फ़रवरी के मध्य के घटनाक्रम को कारण बताया जा रहा है। पिछले दिनों कांग्रेस ऑफिस कोरबा से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। इस विज्ञप्ति में 27 फरवरी को नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन किए जाने की जानकारी दी गई थी। साथ ही बताया गया था कि प्रदेश के राजस्व मंत्री के हाथों से मेडिकल कालेज भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन संपन्न होगा। इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत और प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ऑन लाइन शामिल होंगे। इस समाचार को सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित और प्रचारित भी किया था। इस आयोजन की खास बात यह थी कि इस कार्यक्रम में कोरबा को मेडिकल कालेज की सौगात देने वाले प्रदेश और राज्य सरकार के मुखिया का कहीं जिक्र भी नहीं था।

मगर, लोगों को आश्चर्य तब हुआ, जब 27 फरवरी को पूर्व में दी गई जानकारी के अनुसार नवीन शासकीय मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण कार्य का भूमि पूजन नहीं हुआ। हालांकि इस दिन प्रदेश के राजस्व मंत्री शहर में ही मौजूद रहे और कुछ अन्य कार्यक्रमों में शामिल भी हुए। मजे की बात यह रही कि मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन निरस्त अथवा स्थगित होने की कोई सूचना न तो समाचार पत्रों को दी गई और ना ही ऐसा कोई समाचार प्रकाशित हुआ। इस बीच 27 फरवरी की शाम को यह सुगबुगाहट सुनने में आई कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस मामले में जानकारी मिलने पर सख्त तेवर दिखाया है और इसी वजह से पूर्व में निर्धारित और बहु प्रचारित भूमि पूजन कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। लेकिन इस बात की पुष्टि इस दिन किसी भी स्तर पर नहीं हुई। पर 28 फरवरी को नगर में वितरित निमंत्रण पत्र से पता चला कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2 मार्च को मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य का भूमि पूजन करेंगे।

इस नई जानकारी के सामने आने के बाद शहर में कयासों का बाजार गरम हो उठा। राजनीतिक हल्कों से लेकर आम लोगों में सरगोशियां शुरू हो गई कि क्या छत्तीसगढ़ को कांग्रेस हाईकमान नया मुख्यमंत्री देने जा रहे हैं? क्या प्रदेश के तेजतर्रार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्थान कोई अन्य कांग्रेस नेता को मिलनेे जा रहा है? साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई कि क्या वास्तव में राज्य में कांग्रेस की सरकार गठन के समय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के बीच ढाई-ढाई साल मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी बांटने का कोई निर्णय लिया गया था? क्या इसी फैसले के तहत आने वाले मई माह में छत्तीसगढ़ को नया मुख्यमंत्री मिलेगा?

इन सवालों की सरगर्मी के बीच साल भर पहले कथित रूप से हुई मुख्यमंत्री बदलने की कवायद की याद भी ताजा हो गई है। चर्चा है कि उस समय भूपेश मंत्रिमंडल के एक कैबिनेट मंत्री ने, मुख्यमंत्री बदलने के लिए कथित रूप से 500 करोड़ रुपये जुटाने का जिम्मा लिया था और प्रदेश भर में बैठकें आयोजित कर यह राशि एकत्रित करने का प्रयास भी शुरू कर दिया था। लेकिन इस बात की सूचना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को समय रहते मिल गई थी और उन्होंने इस योजना को फेल कर दिया था।

बहरहाल “ढाई साल के मुख्यमंत्री” का “बोतल में बंद जिन्न” एक बार फिर बाहर आ गया है। यह भी सुनने में आ रहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के एक कैबिनेट मंत्री पिछले दिनों गुपचुप प्रवास पर दिल्ली जाकर वापस लौटे हैं। इस प्रवास के दौरान उन्होंने ढाई-ढाई साल के फार्मूले पर राष्ट्रीय नेता से बातचीत की है और उन्हें फार्मूले पर अमल का ठोस आश्वासन भी मिला है। कहा जा रहा है कि इसी आश्वासन के बाद नए समीकरण के तहत मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण कार्य के भूमि पूजन की योजना बनाई गई थी।

अब, 27 फरवरी का भूमिपूजन कार्यक्रम निरस्त होने और फिर प्रदेश के मुखिया का इस आयोजन में हुई धमाकेदार एंट्री से खलबली मच गई है। चर्चा में सी एम का कड़ा और तल्ख तेवर भी है। कहा जा रहा है कि सी एम ने सपाट लहजे में बता दिया है कि इस समय वे ही मुख्यमंत्री हैं और उनकी अनुमति के बिना प्रदेश में एक पत्ता भी नहीं हिलेगा। इस घटनाक्रम के बाद शहर में कई चेहरों में सहसा उभरी मुस्कान की जगह चिंता की रेखाएं उभर आई हैं।

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