छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बहुचर्चित आलोक अग्रवाल प्रकरण में एफआईआर पर लगाई रोक
बिलासपुर. याचिकाकर्ता रजनेश सिंह (पुलिस अधीक्षक),अरविंद कुजूर (पुलिस अधीक्षक),अशोक जोशी (पुलिस उप अधीक्षक),अजितेश सिंह (पुलिस उप अधीक्षक),संजय देवस्थले (पुलिस निरीक्षक) एवं लगरेरु खेस (पुलिस निरीक्षक) ने अधिवक्ता अनिल पिल्लई, अनुपम दुबे, रोहित शर्मा के माध्यम से उक्त प्रकरण में रिट याचिका प्रस्तुत की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में माननीय न्याय मूर्ति श्री आर सी एस सामंत ने अंतरिम रूप से उक्त एफआईआर की कार्यवाही पर रोक लगा दी।
ज्ञात हो वर्ष 2014 में जलसंसाधन विभाग के ई.ई.आलोक अग्रवाल के ठिकानों पर पड़े छापे पर उनके भाई पवन अग्रवाल ने सीजीएम कोर्ट में 156/3 के तहत आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर कोर्ट के आदेश पर बिलासपुर के सिविल लाइंस थाने में अज्ञात लोगों के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया था। परिवाद में याचिकाकर्ताओं को उतरवादी के रूप में उल्लेखित किया गया था, अतः उक्त संशय के आधारपर याचिकाकर्ताओं ने माननीय उच्च न्यायालय के समक्ष विभिन्न आधारों पर रिट याचिका प्रस्तुत की थी। उक्त मामले में अधिवक्ताओं द्वारा अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को विधि सम्मत न होने के आधार पर खारिज किए जाने का जिरह किया।