November 25, 2024

कुत्ते को खींच ले गया तेंदुआ

कोरबा 21 मार्च। एसईसीएल के गेवरा स्थित डम्पर वर्कशॉप और दीपका विस्तार परियोजना क्षेत्र में कुछ दिन पहले देखे गए तेंदुआ का अतापता नहीं चल सका। जबकि बतारी में तेंदुआ को फांसने का वन विभाग का प्रयास विफल हो गया। इसके बाद से वन्य प्राणी आसपास में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। पिछली रात को सिरकी गांव में तेंदुआ के द्वारा एक कुत्ते को खींचकर ले जाने की जानकारी मिली है। खबर आम होने के बाद आसपास के इलाके में डर का वातावरण बना हुआ है।

एसईसीएल गेवरा-दीपका क्षेत्र के पास गांधी नगर सिरकी की पहचान पुनर्वास ग्राम के नाम से है। कोयला परियोजना की वजह से विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को विस्थापित करने के साथ अनेक जगह पर पुनर्वास दिया गया है। ऐसे ही कुछ लोग यहां पर शिफ्ट किये गए हैं। पुनर्वास ग्राम से लगकर लोगों की निजी जमीन भी है। जानकारी के अनुसार यहां पर बीती रात एक तेंदुआ को देखा गया। एसईसीएल दीपका के डम्पर वर्कशॉप में फिटर के पद पर काम करने वाले रामलाल प्रजापति का मकान यहां पर निर्माणाधीन है। इस लिहाज से निर्माण संबंधी सामाग्री को यहां स्टोर किया गया है। महंगाई के दौर में इन सामानों की सुरक्षा जरूरी है। इन कारणों से एसईसीएल कर्मचारी ड्यूटी के बाद रात को इसी स्थान पर पहरा देता है। उसने अस्थाई रूप से मौके पर दो कमरे बनवा रखे हैं। जानकारी के अनुसार रात्रि 1 बजे के आसपास प्रजापति की नींद में तब खलल पड़ा जब उसने आसपास के इलाके में मवेशियों और कुत्तों की आवाज सुनी। जानकार बताते हैं कि आपात स्थिति में ही इस प्रकार की हरकतें जानवरों के द्वारा की जाती है। प्रजापति ने खतरे को भांप लिया था। उसी दौरान उसने कमरे के झरोखे से देखा तो पाया कि पास में मौजूद एक कुत्ते को तेंदुआ घसीट रहा है। डर के मारे प्रजापति अपने कमरे में ही दुबका रहा। इस दौरान उसकी हिम्मत नहीं हुई कि वह बाहर निकले या किसी अन्य को इसकी सूचना दे। कई घंटे बीतने के बाद जब आवाजें शांत हो गई तो उसने साहस जुटाकर बाहर का रूख किया। पाया गया कि सामने जो कुत्ता मौजूद था वह नदारद था। उसे काफी दूर तक खसीटे जाने के साथ-साथ वन्य प्राणी के पदचिन्ह यहां पर बने हुए थे। इस बारे में स्थानीय लोगों को जानकारी दी गई। कुछ वीडियो भी तैयार किये गए। इस आधार पर कहा जा रहा है कि ये चिन्ह बिल्कुल वैसे हैं जिन्हें गेवरा-दीपका खदान और वर्कशॉप में बीते दिनों देखा गया था। घटनाक्रम को लेकर सिरकी और आसपास के क्षेत्र में भय बना हुआ है।

एक सप्ताह पहले बतारी गांव में घुस आए तेंदुआ को लेकर लोग काफी भयभीत रहे। सुबह 8 बजे के आसपास रघुवीर सिंह गोंड़ अपनी बाड़ी की तरफ जा रहा था तभी उसकी नजर विशालकाय जानवर पर पड़ी थी। घर के लोगों को इस बारे में बताया गया। संभावित खतरे को लेकर लोग सतर्क हो गए थे। उसी दरम्यान झाड़ी में छिपे तेंदुआ ने रघुवीर को बुरी तरह खरोंच दिया और फिर इस आवास से लगी निजी स्कूल की बाउंड्रीवाल के पास छिप गया। कई घंटे तक उसने वन विभाग की टीम और लोगों को छकाया। कानन पेंडारी से आए विशेषज्ञों ने तेंदुआ को पकड़़ने के लिए जाल बिछाया लेकिन शाम को मौका पाकर तेंदुआ यहां से भाग निकला। इसके बाद दूसरे स्तर पर भी तेंदुआ और उसके शावक मिले। लगातार ऐसी घटनाओं से इस इलाके में लोग खौफजदा हैं।

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