November 7, 2024

लिपिकों को उप पंजीयक का प्रभार, बनी हुई है अधिकारियों की कमी

कोरबा 22 मार्च। उप पंजीयक कार्यालय कोरबा का प्रभार देख रहीं कटघोरा की अधिकारी किरण खलखों के स्थानांतरण के बाद एक बार फिर यहां का काम-काज लिपिकों के हाथ में आ गया है। एक माह पहले ही नायब तहसीलदार को हटाकर उन्हें प्रभार दिया गया था। इस बीच लिपिकों की बजाय तहसीलदार या नायब तहसीलदार को प्रभार देने महानिरीक्षक ने आदेश जारी किया। इसके बाद भी आदेश का पालन कर व्यवस्था सुनिश्चित नहीं की जा रही है। पंजीयन लिपिकों से उप पंजीयक का कार्य कराया जा रहा है, जिससे उनके मूल कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।

उप पंजीयक रहे अजय कुमार देवता पिछले साल 31 जुलाई को सेवानिवृत हुए। इसके बाद इस पद पर जिला प्रशासन ने भैसमा के नायब तहसीलदार अग्रवाल को उप पंजीयक का प्रभार दिया था। फरवरी के पहले सप्ताह में ही अग्रवाल को पद से हटा दिया गया। उनकी जगह कटघोरा में पदस्थ रहीं उप पंजीयक किरण खलखो को कोरबा उप पंजीयक बनाया गया था। पूर्व के आदेश को संशोधित करते हुए विभागीय अधिकारी को उप पंजीयक पद पर पदस्थ करने का आदेश जारी किया गया था। खलखों के स्थांतरण के बाद लिपिकों को काम-काज दे दिया गया, जिसके बाद महानिरीक्षक मुख्यालय रायपुर ने पुनः एक नया आदेश जारी कर लिपिकों को हटाकर तहसीलदार या नायब तहसीलदार को प्रभार देने कहा गया है। इसके अनुसार जिन पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन लिपिक को पंजीयन कार्य के लिए अधिकृत किया गया हो, उसे तत्काल निरस्त करने और भविष्य में उप पंजीयक के अवकाश या पद रिक्त होने की स्थिति में तहसीलदार या नायब तहसीलदार को पंजीयन कार्य को अधिकृत करने कहा गया है। बावजूद इसके पंजीयन महानिरीक्षक के इस आदेश का जिले में पालन होता नजर नहीं आ रहा। पंजीयन लिपिकों से उप पंजीयक जैसा महत्वपूर्ण कार्य कराया जाना अपने आप में ही सवाल उत्पन्न करता है।

जमीनों की खरीदी-बिक्री का महत्वपूर्ण कार्य कराने वाले उप पंजीयक कार्यालयों में जिम्मेदार अधिकारियों की कमी लगातार बनी हुई है। जिले के कोरबा, कटघोरा, हरदीबाजार व पाली उप पंजीयक कार्यालय भी अव्यवस्था की मार झेल रहे हैं। जिला पंजीयक आशुतोष कौशिक कोरबा के अलावा जांजगीर-चांपा जिले का भी प्रभार संभालते हैं। हरदीबाजार उप पंजीयक कार्यालय के लिपिक पवन मरावी जो कि वहां उप पंजीयक का कार्यभार संभाल रहे थे, उन्हें कोरबा उप पंजीयक का प्रभार सौंपा गया है। इसी तरह पाली में भी विभाग में कार्यरत लिपिक ही उप पंजीयक बने हुए हैं।

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