November 7, 2024

महिला जनप्रतिनिधियों के परिजनों का हस्तक्षेप शासकीय कार्यों में रोका जाए

कोरबा 26 मार्च। पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को पचास प्रतिशत आरक्षण तो मिला, लेकिन यह व्यवस्था यहां बेमानी साबित हो रही है। आलम यह है कि जनप्रतिनिधि होती है महिला और रोब चलता है पतियों का। वही जनपद सदस्य व जिला सदस्य महिला के पति भी अपने आप को जनप्रतिनिधि समझ कर सरकारी दफ्तरो में विभागीय अधिकारियो को आदेश निर्देश कर रहे है। इससे सरकार की महत्वकांक्षी योजनाओ पर पलीता लग रहा है। कोरबा लोकसभा के सांसद प्रतिनिधि धनेश्वरी कँवर ने कलेक्टर को पत्र लिखकर महिला जनप्रतिनिधि के परिजनों को शासकीय कार्यो के हस्पक्षेप में रोक लगाने की मांग की है।

लोकसभा सांसद प्रतिनधि धनेश्वरी कंवर ने कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा है कि महिला जनप्रतिधि के पति, पुत्र सरकारी दफतरो में घुसकर अपनी राजनीती चमका रहे है। यही नहीं किसी भी कार्यालय में सगे सम्बन्धियों का बेहिचक लेटरपेड का उपयोग भी किया जा रहा है। इससे विभागीय कर्मचारी व अधिकारी परेशांन है। इसी तरह पंचायत में जाकर सरपंचो से उगाही भी की जा रही है। इन तमाम बातो को ध्यान में रखते हुए सांसद प्रतिनिधि धनेश्वरी कँवर ने महिला जन प्रतिनिधि के सगे सम्बन्धियों को शासकीय कार्य में हस्तक्षेप पर रोक लगाने की मांग की है।

Spread the word