हिन्दू नववर्ष के साथ केसरिया ध्वज लहराते नजर आयेंगे लोगों के घर
कोरबा 31 मार्च। चैत्र नवरात्र और हिन्दू नववर्ष के साथ कई तरह के संयोग बनते हैं। इसे बेहतर रूप देने के लिए आवश्यक तैयारी की जा रही है। वर्ष प्रतिपदा पर हिन्दू धर्मावलंबियों के घर और प्रतिष्ठानों में केसरिया ध्वज लहराएं, इसके लिए योजना पर काम हो रहा है। कई संगठन इसके लिए प्रयासरत है।
विक्रमादित्य के द्वारा शक संवत की शुरूआत वर्ष प्रतिपदा के दिन की गई थी। सिंधी समुदाय का प्रमुख उत्सव चेट्रीचंड इसी अवसर पर मनाए जाने की परंपरा है। इसके अलावा कई उत्सवों की शुरूआत इसी दिन होती है। ये सभी उत्सव हिन्दू धर्म संस्कृति का परिपालन करने वालों से सीधे जुड़े हुए हैं। यह संदेश बड़े हिस्से में प्रचारित करने के लिए संगठनों द्वारा जरूरी प्रयत्न किये जा रहे हैं। मातृशक्ति को भी इसमें जोड़ा गया है। वर्तमान में प्रचलित नियमों को ध्यान में रखते हुए इन कार्यों को संपादित कराया जा रहा है। ताकि अपना काम भी हो जाए और नियमों की मर्यादा भी बनी रहे। अखिल भारतीय स्तर पर ललितकला और रंगमंच को समर्पित संस्था संस्कार भारती ने बीते वर्षों में वर्ष प्रतिपदा को भव्य रूप से मनाने पर काम किया। इस अवसर पर क्षेत्र की नदियों और जलाशयों के घाटो में सूर्योदय के पूर्व पहुंचकर कार्यकर्ताओं द्वारा उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देने की परंपरा पर काम किया जाता रहा है। तय किया जाना शेष है कि इस बार किस तरह से इस परंपरा का निर्वहन किया जाए। इसके साथ ही हिन्दू नववर्ष पर बड़े हिस्से पर मंगल प्रतीकों को भिजवाने के अलावा घरों की सज्जा से लेकर नववर्ष संदेश पर भी काम होना है।