कोरबा में सोमवार से 10 दिन का लॉकडाऊन
कलेक्टर किरण कौशल ने ली टास्क फोर्स की बैठक
कोरबा 10 अप्रैल। वर्ष 2020 में 80 दिन से ज्यादा के लॉकडाऊन को झेलने वाले व्यवसायियों और आम लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए। कारण यह है कि कोरोना की मौजूदा स्थिति के लिहाज से एक बार फिर यही दौर शुरू होने जा रहा है। सोमवार 12 अप्रैल से जिले में 10 दिन का लॉकडाऊन शुरू होगा।
आज कलेक्टर किरण कौशल ने टास्क फोर्स की बैठक ली। इसमें कोविड के अपडेट पर चर्चा की गई और आगामी स्थिति को ध्यान में रख लाकडाऊन का निर्णय लिया गया। कहा गया कि लाकडाऊन की स्थिति में जरूरत की चीजों को उपलब्ध कराने का काम प्रशासन करायेगा। संबंधित सेक्टर में दुकानें अपनी सेवाएं कुछ घंटों के लिए देंगी। सीमित लोग ही इस काम के लिए बाहर निकल सकेंगे। इधर लाकडाउन के निर्णय से पहले ही शहरी क्षेत्र में जरूरी प्रबंध शुक्रवार को किये जाने शुरू कर दिये गये। इसे ही लाकडाउन की तैयारी ही माना जा रहा था। वहीं लाकडाऊन के निर्णय से पहले शहरी क्षेत्र में कई स्थानों पर जाम की स्थिति निर्मित हुई, इसके लिए आगामी दिनों के कोटे का इंतजाम किये जाने को अहम कारण माना गया। जिले में पॉजीटिव मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से नई समस्या आ खड़ी हो गई है। खतरों को भांप कर प्रशासन को तैयारी करनी पड़ी है। संक्रमण रोकने के इरादे से कई जगह बाधाएं खड़ी की गई। लेकिन इन्हीं स्थानों पर जाम लगने से खतरें और बढ़ते जा रहे है। एक दिन पहले ही प्रशासन के निर्देश पर लोकनिर्माण विभाग और नगर निगम के अमले ने मिलकर मुख्य मार्ग से लेकर हसदेवपुल, बॉंयीतट नहर पुल, एसईसीएल मार्ग, बुधवारी बाजार, कलेक्ट्रेट और अन्य क्षेत्रों में बेरीकेटिंग कराई। इसका उद्देश्य यह बताया जा रहा है कि आर्थिक गतिविधियों का जो समय दोपहर 3 बजे तक के लिए तय किया गया है उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में भीड़-भाड़ बिलकुल नहीं होना चाहिए। इसके अलावा कोई भी व्यक्ति निश्चित प्रयोजन के बिना सड़क पर न दिखे। इन सबके बावजूद दुकानदारी का समय सुबह 6 से 3 बजे तक किया गया है।
लॉकडाऊन की आशंका से डरे हुए लोग काफी संख्या में बाहर निकलने के साथ जरूरत का सामान अतिरिक्त रूप से खरीदने के लिए उतावले है। इस चक्कर में हसदेव बॉयीतट नहर पुल के पास आस सुबह लंबा जाम लग गया। बेरिकेटिंग किये जाने से आवाजाही के लिए सीमित रास्ता बचा है। ऊपर से 4 दिशा से आने वाले वाहनों और लोगों की संख्या कहीं ज्यादा है। इस फेर में जाम लगना स्वाभाविक है। जाम को समाप्त करने के लिए यातायात पुलिस के कर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस दौरान लोगों की प्रतिक्रिया रही की कोविड संक्रमण रोकने के लिए जो तौर तरीके अपनाएं जा रहे है वह तो ठीक है लेकिन की गई व्यवस्था के चलते जो भीड़ जुट रही है और जाम की स्थिति निर्मित हो रही है, उसके समाधान के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई। इस स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।