November 7, 2024

नक्सली के बीच बैठे एक्सपर्ट बना रहे लांचर… हिडमा सहित 50 टॉप नक्सली कमांडरों के सफाये की तैयारी..

रायपुर 13 अप्रैल: छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में सक्रिय करीब 50 नक्सली कमांडरों की सूची तैयार की गई है.सूची में प्रमुख नाम छत्तीसगढ़ के नक्सली कमांडर हिडमा का हैं, बीजापुर की नक्सली मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के 23 जवान शहीद हो गए थे.बताया जाता हैं कि यहां नक्सलियों को हिडमा लीड कर रहा था और उसी की प्लानिंग और टाइमिंग के अनुसार ही मुठभेड़ को अंजाम दिया गया. लाल लड़ाकों के कमांडर हिडमा पर 40 लाख रु का इनाम हैं.आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन ऑल आउट की तर्ज पर अब सरकार ने नक्सलियों के सफाए के लिए भी एक प्लान बनाया है. सरकार ने इस प्लान के तहत टॉप-50 नक्सली कमांडर्स की लिस्ट बनाई है.

जानकारी के मुताबिक, सरकार ने जिन नक्सली कमांडर की लिस्ट तैयार की है, उनमें 10 महिला कमांडर भी शामिल हैं. वहीं अन्य कमांडर्स में हिडमा का भी नाम शामिल है. बता दें कि बीजापुर में सीआरपीएफ और डीआरजी के जवानों के खिलाफ हुए हमले में भी हिडमा का ही हाथ बताया जा रहा है.
इस हमले में 23 जवान शहीद हो गए थे. सरकार द्वारा बनाई गई मोस्ट वांटेड लिस्ट में सुकमा में सक्रिय साउथ बस्तर के डिवीज़नल कमांडर रघु, पीएलजीए बटालियन-1 के नागेश और श्रीधर को भी नाम शामिल किया गया है.

बीजापुर में सुरक्षाबलों के खिलाफ हुए हमले को भी नक्सलियों की पीएलजीए बटालियन-1 ने ही अंजाम दिया था. महिला नक्सली कमांडर्स में नागमणि, भीम, सुजाता, जैमिति और रीना का भी नाम मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है. सुरक्षा एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार नक्सलियों के खिलाफ मिलकर एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाएंगी. खूफिया एजेंसियों से मिले इनपुट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी. खूफिया तंत्र को भी मजबूत किया जाएगा.

बीजापुर की घटना के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि नक्सलियों के खिलाफ अब निर्णायक लड़ाई छेड़ी जाएगी और जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. नक्सलियों ने भी बीजापुर की घटना को अंजाम देकर सरकार के सीधे चुनौती दी है. बीजापुर के नक्सली मुठभेड़ में यह बात सामने आई थी कि नक्सलियों द्वारा रॉकेट लांचर का प्रयोग किया गया.

बता दे कि नक्सली जुगाड़ तकनीक से आधुनिक असलहे बना रहे है. आईईडी के अलावा ग्रेनेड और ग्रेनेड लांचर जैसे हथियार और गोलाबारूद खुद तैयार कर रहे हैं.शहरों से इनके समान मंगाये जाते हैं और छोटी जगहों पर ढांचा तैयार होता हैं. सूत्रों से पता चला हैं कि ग्रेनेड को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी नक्सलियों के बीच बैठे एक्सपर्ट की हैं. पिछले दिनों बिहार के दानापुर और जहानाबाद में पकड़े गए नक्सलियों से यह चौकाने वाला खुलासा हुआ है.

उल्लेखनीय है कि ग्रेनेड ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में बनता हैं. इसकी सप्लाई सेना,अर्द्व सैनिक बल औऱ राज्य पुलिस को होती हैं. लेकिन नक्सली जुगाड़ टेक्नोलॉजी से इसे बनाने में माहिर हो गये हैं.ग्रेनेड का बाहरी हिस्सा मेटल का रहता हैं इसके अन्दर विस्फोटक और डेटोनेटर( डीले टाइमर) लगता हैं.

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