November 8, 2024

कुर्सी की खातिर सांसद व विधायक में हाथापाई

गोड्डा (झारखंड) 16 अप्रेल। नेताओं को कुर्सी कितनी प्यारी होती हैं कि वे इसके लिए कुछ भी कर सकते हैं.उन्हें इस बात से फर्क भी नहीं पड़ता कि जनता पर इसका क्या असर होगा.
ऐसा ही एक मामला गत दिवस झारखंड के गोड्डा में रेल परिचालन शुरू होने के ऐतिहासिक मौके घटित हुआ .यहां भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव के बीच कुर्सी को लेकर नोंक-झोंक हुई और देखते ही देखते दोनों हाथापाई पर उतर आए और रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा हुआ.

हमसफ़र एक्सप्रेस के उद्घाटन के मौके पर स्टेशन पर दोनों नेताओं के समर्थकों सहित 200 से अधिक लोग मौजूद थे। पोड़ैयाहाट के विधायक प्रदीप यादव ने प्रेस को बताया, “मैं लगभग 25 लोगों के साथ घटनास्थल पर गया था… कोविड -19 के कारण, प्रशासन ने योजना बनाई थी कि जिन लोगों के पास ट्रेन के टिकट हैं, वे ही प्लेटफार्म पर जाएंगे। दुबे के समर्थकों के पास पूर्व सूचना थी और उन्होंने अपने टिकट बुक कर लिए थे… अंदर हमने देखा कि बाहरी लोग हमारी कुर्सियों पर बैठे थे।

यादव ने कहा “मैंने इस पर आपत्ति जताई, तभी अचानक, दुबे मुझसे भिड़ गए और हाथापाई पर उतर आए। मैंने उन्हेंमौखिक जवाब दिया, जिसके बाद प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित किया और समारोह को शांतिपूर्वक आयोजित किया।” वहीं सांसद निशिकांत दुबे ने यादव द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है।

दुबे ने कहा “मधुपुर नगर परिषद के पूर्व सदस्य संजय यादव, जो मेरे निर्वाचन क्षेत्र से आते हैं। उन्हें प्रदीप यादव ने एक बाहरी व्यक्ति बताकर बाहर जाने को कहा, जबकि उनके पास वैध टिकट था। इसपर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उनसे पूछा कि क्या आप टीटीई हैं। जिसके बाद वह मुझे मारने के लिए आगे आए और हंगामा हो गया।”

जब उनसे कहा गया कि यादव ने कुछ और ही कहा है, तो दुबे ने कहा कि पूरी घटना वीडियो में कैद है। दुबे ने कहा “आज पौडेयाहाट के विधायक जी का असली चेहरा विफलता की बौखलाहट में आम लोगों के सामने आ गया। प्रदीप यादव ने गोड्डा में रेल लाने का अंत का विरोध किया, लेकिन जनता की ताकत से मैंने आज जनता से किए वादे पूरा किया। विफल रहने पर इस तरह की घटना को अंजाम देना काफी शर्मनाक है। अब ऐसे लोगों का फैसला यहां की जनता करेगी।”

वहीं इस पर प्रदीप यादव ने कहा “सांसद क्रेडिट लेने की होड़ में इसे अपने पॉकेट का कार्यक्रम बनना चाहते थे। इस कार्यक्रम में बाहरी असमाजिक तत्वों ने विधायक के लिए आवंटित कुर्सी पर कब्जा जमा रखा था। जिसका मैंने विरोध किया.इसमौके पर स्टेशन पर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती देखी गईं।

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