December 23, 2024

कोरबा : टीकाकरण के प्रति उदासीनता बनी प्रशासन के लिए चिंता का सबब

कोरबा 20 अप्रैल। वैश्विक महामारी कोरोना के संक्रमण को रोकने हेतु सरकार व जिला प्रशासन द्वारा लगातार हर संभव प्रयास किया जा रहा है। सरकार की गाइडलाइन अनुसार 45 वर्षों से अधिक उम्र के सभी लोगों का टीकाकरण कार्य भी जारी है परंतु आम जनमानस में अब भी टीकाकरण को लेकर उदासीनता देखने को मिल रही है। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण यह है की जिला अस्पताल कोरबा को प्राप्त 200 वैक्सीन की डोज में से आज दोपहर 2 बजे तक केवल 79 डोज वैक्सीन ही लग पाई व 121 डोज वैक्सीन शेष है। इसी प्रकार रानी धनराज कुंवर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी दोपहर 2 बजे तक 150 डोज में से 42 डोज शेष रह गयी है।
टीकाकरण को लेकर यह उदासिनता कोरबा नगर के अलावा एस ई सी एल की कॉलोनियों में भी नजर आ रही है, जहाँ पर एस ई सी एल बाँकीमोगरा व एस ई सी एल विकासनगर अस्पताल में दोपहर तक केवल 103 डोज वैक्सीन ही लग पाई व लगभग 40 डोज वैक्सीन शेष रह गई है। हैरान करने वाली बात यह है कि शहरी क्षेत्रों के लोगों ने टीकाकरण से दूरी बनाई हुई है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार नगर निगम कोरबा के वार्ड 7, 8, 10 में अब तक केवल 22 प्रतिशत, वार्ड 9 में 53 प्रतिशत, वार्ड 2, 3,13,14 में केवल 14 प्रतिशत, वार्ड 16 में 34 प्रतिशत टीकारण हुआ है। इसी प्रकार वार्ड 20, 21 में 9 प्रतिशत, वार्ड 23, 24, 22, 28 में न्यूनतम 6 प्रतिशत, वार्ड 29 व 31 में 45 प्रतिशत, वार्ड 36, 37 में 22 प्रतिशत, वार्ड 34, 35, 38, 39, 40, 41 में 40 प्रतिशत, वार्ड 42 रूमगरा में 19 प्रतिशत, वार्ड 43, 44, 45, 46 में 59 प्रतिशत, वार्ड 51, 52, 53 में 15 प्रतिशत, वार्ड 54 में 22 प्रतिशत, वार्ड 57 में 39 प्रतिशत, वार्ड 60, 61, 62 में 30 प्रतिशत, वार्ड 64 में 36 प्रतिशत टीकाकरण हुआ है। इन आंकड़ों के अनुसार अब तक नगर निगम क्षेत्र में कुल टीकाकरण 58 प्रतिशत ही हो पाया है।

स्वास्थ्य विभाग लगातार लोगों से जल्द से जल्द टीका लगवाने की अपील कर रहा है। टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने उपनगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों के उपस्वास्थ्य केंद्रों में भी टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है। वैक्सीन की कमी व साइड इफेक्ट्स को लेकर फैली भ्रांतियों को भी स्वास्थ्य विभाग ने लगातार खारिज किया है। परंतु एक ओर जहाँ कोरोना के बढ़ते संक्रमण व बढ़ती मृत्यु दर से प्रशासन हलाकान है वहीं टीकाकरण के प्रति लोगों के उदासीन रवैये ने प्रशासन की चिंता और बढ़ा दी है।

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