November 22, 2024

कोविड-19 महामारी के बावजूद कृषि निर्यात में दर्ज की गई पिछले वर्ष की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि

नईदिल्ली 25 अप्रेल। वर्तमान में भारत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में दुनिया का पांचवा सबसे बड़ा देश है। इस वर्ष इसके खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के निर्यात में काफी वृद्धि देखने को मिली है। गौरतलब हो, कोविड-19 की स्थिति के बावजूद भारत ने पिछले वर्ष कृषि निर्यात में वित्‍त वर्ष 2019-20 की तुलना में 30 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। कृषि और प्रसंस्‍कृत खाद्य निर्यात विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष एम. अंगामुथु ने बताया कि पिछले वित्त वर्ष में 1.3 लाख करोड़ रुपये तक के कृषि उत्पादों का निर्यात किया गया था, जबकि इसके पिछले वर्ष में यह 1.1 लाख करोड़ रुपये था। डॉ. अंगामुथु ने उम्मीद जताई कि इस वित्त वर्ष में भारत का कृषि निर्यात 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया में जड़ी-बूटियों और औषधीय उत्पादों की मांग में वृद्धि हुई है।

पिछले 11 वर्षों में भारत के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 26.51 प्रतिशत बढ़ा

अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 के दौरान भारत के प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात 26.51 प्रतिशत बढ़कर 43,798 करोड़ रुपए हो गया है। इस वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में भारतीय स्नैक्स, सॉस, स्टार्च उत्पाद, सब्जी का आटा, माल्ट उत्पाद आदि का निर्यात 36 प्रतिशत, तो वहीं दालों सहित विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं का निर्यात 33 प्रतिशत बढ़ा है। अनाज निर्यात आधारित उत्पादों में 18 प्रतिशत, प्रसंस्कृत फलों और उनके रस में 12 प्रतिशत तथा मूंगफली में 7 प्रतिशत के निर्यात वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं इस वर्ष खाद्य तेल के निर्यात में 96 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जैविक उत्पादों का निर्यात भी 40 प्रतिशत बढ़ा है।

अप्रैल से अगस्त के दौरान 53 हजार करोड़ रुपए मूल्य के कृषि उत्पादों का हुआ था निर्यात

वित्त वर्ष 2020-21 के पहले पांच महीनों- अप्रैल से अगस्त के दौरान 53 हजार करोड़ रुपए मूल्य के प्रमुख कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था। पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में इसमें 14.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। 2020 में मार्च से जून के दौरान कृषि वस्तुओं का निर्यात 2019 की तुलना में 23.24 प्रतिशत बढ़ा था। वहीं अप्रैल से लेकर अगस्त तक के समय में किसानों को चावल, गेहूं और चीनी के निर्यात से अच्छा लाभ हुआ था। उस समय बासमती चावल के निर्यात में भी 8.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि साधारण चावल का निर्यात मूल्य 91.3 प्रतिशत बढ़ा था।

आत्मनिर्भर अभियान के तहत उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने उठाए हैं कई सराहनीय कदम

भारत की कृषि उत्पादन क्षमता बहुत अधिक है क्योंकि यहां विविध कृषि-जलवायु स्थितियां हैं, जो थोक में खाद्य सामग्री के उत्पादन में मददगार साबित होता है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ाने के लिए कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण ने खरीदार-विक्रेता की वर्चुअल मीटिंग, उत्पाद संवर्धन बैठक, वेबिनार, उत्पादों के विशिष्ट निर्यात संवर्धन मंचों का निर्माण, जीआई उत्पादों को बढ़ावा देने और निर्यात के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसे कई सराहनीय कदम उठाए हैं।

आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आत्मनिर्भर कृषि बहुत महत्वपूर्ण है। कृषि क्षेत्र और उत्‍पादन में वृद्धि के कारण निर्यात में भी बढ़ोतरी हुई है। उम्मीद है कि सरकार के उपरोक्त प्रयासों की मदद से जल्द ही भारत विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक बन कर उभरेगा।

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