होम आईसोलेशन में रहकर जल्दी ठीक हो रहे है ग्रामीण
कोरबा 03 मई. कोरबा जिले में कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिसमें गाॅव में भी पाॅजीटिव व्यक्ति लगातार जाॅच कराकर होम आईसोलशन में रहते हुए चिकित्सकों की देख रेख में ठीक हो रहे है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोेग संयम एवं साकारात्मक विचार से हीे घर में रहकर ठीक होने के साथ साथ अपने परिवार एवं गाॅवों के लोगो को भी सजग कर रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों से होम आईसोलेशन में रहते हुए अब तक केवल 2 व्यक्ति की ही मृत्यु हुई है। कुछ व्यक्तियों की हाॅस्पिटल में मृत्यु हुई है। अधिकांश मरीजों घर पर हीे ठीक हो रहे है।
वर्तमान में गाॅवों में अभी लगभग चार हजार एक्टीव मरीज है। तथा कुछ लोग हाॅस्पिटल में अपना इलाज ले रहे है।
जिला पंचायत होम आईसोलशन कंट्रोल रूम में चैबीस घण्टे लगातार डाॅक्टर उपस्थित रहते हुए मरीजों को अपने निगरानी में रखते है। साथ ही शिक्षकों की टीम भी लगातार डाॅक्टरों का सहयोग करते हुए मरीजों को अपनेपन का अभास कराते हुए अच्छी-अच्छी सलाह देते है, जिससे मरीजों के मनोबल में बढ़ोत्तरी कर उनके स्वास्थ्यलाभ में सहायक साबित हो रहे है।
होम आईसोलशन में रहकर स्वस्थ्य हुए मरीजों का विचार –
तीजराम राज उम्र 65 वर्ष ग्राम जल्के ने बताया उनके घर में चार सदस्य है। सभी पाॅजीटिव होने पर घर में रह कर दवाई खाकर होम आईसोलशन का पालन करते हुए एक साप्ताह में ठीक हो गए। उन्हे हाॅस्पिटल जाने की नौबत ही नहंी आया। उनके पुत्र सुरेन्द्र, नरेन्द्र एवं बहु फलेश्वरी राज अब पूरी तरह से ठीक हो चूके है। उन्होने बताया की हमने नीबू एवं काढ़ा का सेवन लगातार कर रहे थे।
सूरज कुमार उम्र 30 वर्ष ग्राम पचपेडी का कहना है कि घर में कुल चार सदस्य है एवं सभी पाॅजीटिव हो गए थे। इस ग्राम में 25 लोग पाॅजीटिव आए थे। अच्छी बात यह है कि सभी ठीक हो गए। किसी को हाॅस्पिटल जाने की नौबत नही आया। भाई समीर का कहना है कि गाॅव की सजगता एवं संयम से सभी ने धैर्य रखकर होम आईसोलशन में रहते हुए ठीक हो गए है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल दवाई उपलब्ध कराया गया था, जिसके कारण हम सब ठीक हो गए। साथ ही अपने से आक्सीमीटर एवं थर्मामीटर खरीदकर प्रत्येक चार घण्टों मे रिडींग लेते रहते थे। रिडिंग 96 से 98 आने पर मनोबल बढ़ जाता था। अब गाॅव में सभी ठीक होकर कोई भी पाॅजीटिव नहीं है।
कु. श्रुति कंवर उम्र 3 वर्ष ग्राम छिर्रा का पहले से ही निमोनिया पीडित होने के बावजुद जब घर में सभी 11 सदस्यों को पाॅजिटिव होते हुए भी कोरोना को मात देने में कामयाब हुई। छोटी उम्र में बुलंद हौसले रखते हुए घर वाले को भी इस महामारी से बाहर लाने में सफलता पाई। सभी सदस्यों ने होम आईसोलेशन में रहकर नियमित दवाई का सेवन करते हुए ठीक हुए और हाॅस्पिटल जाने की नौबत ही नहीं आई।
उपरोक्त विचारों से यह तथ्य सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोगे में अब भी साहस देखा जा सहता है। इस तरह से आप सभी से अपील की जा रही है कि पाॅजीटिव के संपर्क एवं लक्षण आने पर तत्काल कोरोना का जाॅच करना चाहिए, एवं नियमानुसार दवाई का सेवन करते हुए चिकित्सकों की देख-रेख में होम आईसोलशन के साथ ठीक होने की साकारात्मक विचार रखना चाहिए।