September 20, 2024

18+ वेक्सिनेशन में आरक्षण पर हाईकोर्ट की रोक: कोरबा के युवा अधिवक्ता की उपलब्धि की सर्वत्र चर्चा

कोरबा 6 अप्रेल। 18+ आयु वर्ग के कोविड- 19 वेक्सिनेशन को लेकर जारी छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के जिस आदेश पर हाईकोर्ट बिलासपुर ने रोक लगाया है और स्पष्ट नीति बनाने का आदेश दिया है, उसे चुनौती देने वाले अधिवक्ताओं में कोरबा के एक होनहार युवा अधिवक्ता अंशुल तिवारी भी शामिल है। शहर में युवा अधिवक्ता की इस सफलता की सर्वत्र चर्चा हो रही है। इसी बीच राज्य सरकार ने बुधवार 5 मई को एक आदेश जारी कर नई नीति निर्धारित होने तक 18+ आयु वर्ग के टीकाकरण को स्थगित कर दिया है।

आपको बता दें कि राज्य सरकार ने 18 से 44 आयु वर्ग के सभी नागरिकों का कोरोना टीकाकरण करने संबन्धी केन्द्र सरकार के निर्णय के बाद एक आदेश जारी किया जिसमें अंत्योदय, अन्नपूर्णा और गरीब वर्ग के 18 + नागरिकों का पहले टीकाकरण करने की व्यवस्था दी थी। कोरोना महामारी से बचाव के इस अभियान में आरक्षण की इस व्यवस्था को बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई और निरस्त करने की मांग की गई। कोरबा के युवा अधिवक्ता अंशुल तिवारी ने भी ऐसी ही एक हस्तक्षेप याचिका पेश की। विभिन्न याचिकाओं की एक साथ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की डिवीजन बैंच ने सुनवाई की।

प्रदेश सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध उच्च न्यायालय में कोरबा से अधिवक्ता अंशुल तिवारी समेत अन्य जिलों के अधिवक्ताओं ने तर्क दिया कि जीवन का अधिकार सभी का मौलिक अधिकार है। राज्य सरकार को यह निर्णय लेने का अधिकार नहीं है कि किसे पहले टीका लगेगा और किसे बाद में। बीमारी व्यक्ति का धर्म, जाति व आर्थिक स्थिति नहीं देखती। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने अधिवक्ता अंशुल तिवारी और अन्य अधिवक्ताओं के तर्कों का संज्ञान लेकर छत्तीसगढ़ सरकार के टीकाकरण में आरक्षण के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार को टीकाकरण हेतु दो दिनों में स्पष्ट नीति बनाने का आदेश दिया है।

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक मई से शुरू हुए 18+ टीकाकरण अभियान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंत्योदय व बीपीएल कार्ड धारियों को प्राथमिकता और आरक्षण देने के निर्णय पर आपत्ति जताते हुए उक्त आदेश को वापस लेकर टीकाकरण के लिए पुनर्विचार करते हुए नई नीति बनाने का प्रदेश सरकार को आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से राज्य सरकार को तगड़ा झटका लगा है। बदले हुए हालात में राज्य सरकार ने बुधवार 5 मई को एक आदेश जारी कर नई नीति निर्धारित होने तक 18+ आयु वर्ग के टीकाकरण को स्थगित कर दिया है।

उल्लेखनीय है कि अंशुल तिवारी कोरबा के विख्यात हाईकोर्ट अधिवक्ता श्री अशोक तिवारी के पुत्र हैं। श्री अशोक तिवारी प्रदेश के तेज तर्रार अधिवक्ता हैं। वे लंबे समय से स्टेट बार काउंसिल के पदाधिकारी का भी दायित्व निर्वहन करते आ रहे हैं। 18+ टीकाकरण के मामले में अंशुल तिवारी की कामयाबी के बाद कहा जा रहा है कि जूनियर तिवारी भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए नई बुलंदियों को हासिल करेंगे।

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