December 23, 2024

वन विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ विधानसभा में भूख हड़ताल पर बैठेंगे ननकीराम कंवर

कोरबा 7 जुलाई। वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ पूर्व गृहमंत्री मौजूदा रामपुर विधायक ननकीराम कंवर पखवाड़े भर बाद विधानसभा में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने भूख हड़ताल पर बैठेंगे। श्री कंवर ने कोरबा वनमंडल के वन परिक्षेत्र पसरखेत के ग्राम फुलसरी समरकना में 4 वर्ष पूर्व कराए गए वृक्षारोपण, फेंसिंग कार्य, सीपीटी खोदाई एवं बाउंड्री कार्य में नियोजित मजदूरों को आज पर्यन्त मजदूरी भुगतान नहीं करने के संदर्भ में विधानसभा में लगाए गए प्रश्न के जवाब में झूठी जानकारी देने, जांच में भी गड़बड़ी करने से नाराज होकर प्रदर्शन की चेतावनी दी है। जिससे कोरबा वनमंडल के अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

हमेशा अपने कार्यों को लेकर सुर्खियों में रहने वाला कोरबा वनमण्डल इस बार प्रदेश के सबसे कद्दावर आदिवासी नेता के निशाने पर है। पूर्व गृहमंत्री व वर्तमान रामपुर विधायक ननकीराम कंवर ने विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर अब विधानसभा में प्रदर्शन की चेतावनी दी है। दरअसल पूरा मामला कोरबा वनमण्डल के वन परिक्षेत्र पसरखेत में कराए गए कार्यों में लंबित मजदूरी भुगतान को लेकर है । विधायक ननकीराम कंवर ने विधानसभा में 21 नवम्बर 2019 को एक तारांकित प्रश्न लगाया था। जिसमें उन्होंने वन परिक्षेत्र पसरखेत के ग्राम फुलसरी, सरमकना में कराए गए कार्यों में गड़बड़ी एवं मजदूरों को मजदूरी भुगतान लंबित होने का जिक्र किया था। जिसके संदर्भ में जांच के आदेश हुए थे। पर जांच में भी की जा रही गड़बड़ी को लेकर उन्होंने 7 जुलाई 2020 को प्रधान मुख्य वन संरक्षक, पीसीसीएफ, रायपुर को पत्र लिखकर जांच के नाम पर की जा रही औपचारिकता का उल्लेख कर पृथक जांच अधिकारी नियुक्त करने की मांग की थी। श्री कंवर ने पीसीसीएफ को लिखे पत्र में प्रकरण की पूरे विस्तार से उल्लेख कर बताया था कि उनके द्वारा वन परिक्षेत्र पसरखेत के अंतर्गत फुलसरी एधौंराभांठा एवं मदनपुर में वर्ष 2016 से 2018 के बीच करीब 50 लाख की लागत से कराए गए विभिन्न कार्यों फेंसिंग कार्य एसीपीटी खोदाई एवं बाउंड्री कार्य में नियोजित मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं होने एवं फर्जी भुगतान किए जाने के संदर्भ में विधानसभा के प्रश्न क्रमांक 334 में प्रश्न लगाया था। जिसके संदर्भ में गांव वाले एवं वन प्रबंधन समिति के लोगों द्वारा दिए गए पंचनामा अनुसार वर्ष 2016 में वृक्षारोपण कार्य का भुगतान हो चुके होने एवं किसी भी प्रकार का विवाद व शिकायत नहीं होने की बात पंचनामा में कही गई थी। जिसके उपरांत उन्होंने 2016 को छोंड़ शेष शिकायत वर्ष 2017 एवं 2018 की जांच कराकर मजदूरों को भुगतान कराने की बात कही थी। श्री कंवर ने बताया कि मार्च 2017 में फर्जी फेंसिंग कार्य का फर्जी प्रमाणक बनाकर शासकीय राशि का गबन किया गया है। भ्रष्टाचार का ऐसा खेल खेला गया है कि जिस वाहन से फेंसिंग खम्भा परिवहन ही नहीं किया गया है उनके नाम पर भी प्रमाणक बनाया गया है। जबकि वास्तविक परिवहनकर्ता चरणसिंह राठिया साकिन डिलाडेरा, ओम कंवर व मिलाप कंवर साकिन फुलसरी के द्वारा फेंसिंग खम्भा, वर्मी कंपोस्ट खाद सहित अन्य सामग्री का परिवहन किया गया है जिनका भुगतान आज तक नहीं दिया गया है और मजदूरों व राजमिस्त्री को भी फर्जी भुगतान किया गया है। फेंसिंग कार्य हेतु आवश्यक सामग्री देने वाले व्यक्ति को भी भुगतान नहीं किया गया है। इस तरह से श्री कंवर ने जांच अधिकारी के द्वारा वर्ष 2017 से 2018 के कार्यों एवं भुगतान के संदर्भ में की गई शिकायत की सही जांच न कर दोषियों को संरक्षण दिए जाने की बात कही थी। उन्होंने संबन्धित मजदूरों परिवहनकर्ताओं को फेंसिंग एवं द्वितीय वर्ष 2017 में रोपित पौधों की निंदाई कार्य का भुगतान तत्काल कराते हुए जांच अधिकारी नियुक्त करने की मांग की थी। साथ ही जांच अधिकारी एसडीओ आशीष खेलवार के विरुद्ध सही दिशा में जांच नहीं करने का आरोप लगाते हुए कार्यवाई किए जाने की बात कही रही । जिसके परिप्रेक्ष्य में पीसीसीएस राकेश चतुर्वेदी ने जांच का आदेश दिया था। जांच में भी सम्बंधित एसडीओ आशीष खेलवार को ही जांच दल में शामिल कर प्रकरण की लीपापोती कर दी गई। मजदूरों को आज पर्यन्त मजदूरी भुगतान लंबित है। जबकि सदन को अधिकारी मजदूरी भुगतान लंबित नहीं होने की जानकारी देकर गुमराह कर रहे हैं। इससे आक्रोशित विधायक ननकीराम कंवर ने 15 दिवस के भीतर सभी मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं होने पर विधानसभा में गांधी जी की प्रतिमा के सामने भूख हड़ताल पर बैठने की बात कही है। पूर्व गृहमंत्री ने कहा है कि जांच अधिकारी सहित सभी अधिकारियों की भूमिका इस प्रकरण में संदिग्ध है। मजदूरों की मजदूरी डकार अफसरों ने बेईमानी की है। जिसका जवाब व हिसाब उन्हें अब विधानसभा में देना होगा। इस निर्णय से मुख्यमंत्री को शीघ्र पत्र लिखकर अवगत कराने की बात कही है। श्री कंवर के इस रुख से वन विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मचा है।

जांच दल के सामने ही मजदूरों ने झूठे दावों की खोली पोल, भड़के ननकीराम कंवरः-पीसीसीएफ को लिखे पत्र के बाद विभाग ने तारांकित प्रश्न के शिकायत के निराकरण के लिए संबंधित ग्रामों में विधायक श्री कंवर को मौके पर जांच बयान के दौरान उपस्थिति दर्ज कराने के पत्र लिखकर आमंत्रित किया था। निर्धारित दिवस कल 5 जुलाई को श्री कंवर पसरखेत एवं फुलसरी पहुंचे। जहां शिकायतकर्ता मजदूरों ने बयान के दौरान विभाग के झूठे दावों की पोल खोल दी। मजदूरों फूलमती, अंजू, अनिता, सलिम्ता, सलिमा, शिशिल्या, विजय कुमार, मुन्नी बाई, सिलबेस्टर, मंजू, विनिता पौलिना, सदानंद ने बयान कलमबद्ध कराया कि उन्होंने तक वर्ष 2017 में फूलसरी के ग्राम पहरीपारा में कराए गए साजा वृक्षारोपण कार्य में 20 से 26 दिनों तक मजदूरी की थी। पसीना सूखने से पहले मजदूरी भुगतान करने का दावा करने वाली शासन के जिम्मेदार अफसरों की उदासीनता एवं घोर लापरवाही के चलते उन्हें आज पर्यन्त मजदूरी नहीं मिली। जिससे सभी गरीब मजदूर उपेक्षित व ठगा महसूस कर रहे हैं। शासन के प्रति मजदूरों में बेहद नाराजगी देखी गई। श्री कंवर के समक्ष ही मजदूरों ने बताया कि बासिन के बीट गार्ड द्वारा कार्य कराए जाने मजदूरी के लिए घुमाए जाने की शिकायत दोहराई। जिस पर विधायक श्री कंवर ने उपस्थित जांच दल के अफसरों की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताई।

सदन को किया गुमराह, बैठूंगा भूख हड़ताल मेंः- 4 से 5 साल तक मजदूरों को मजदूरी नहीं मिलना विभाग के अफसरों की घोर लापरवाही को दर्शाता है। मेरे द्वारा विधानसभा में उठाए जनहित के प्रश्नों के जवाब में भी गलत उत्तर व गलत जांच कर सदन को अफसरों ने गुमराह किया है। 15 दिवस के भीतर सभी मजदूरों को मजदूरी भुगतान नहीं हुई तो विधानसभा में भूख हड़ताल में बैठूंगा।

Spread the word