चिटफंड संचालकों की चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी पुलिस
कोरबा 18 जुलाई। भोले-भाले लोगों को रकम दोगुनी-तिगुनी करने का प्रलोभन देकर झांसे में लेने वाली चिटफंड कंपनियों पर पुलिस कप्तान सख्ती के मूड में हैं। निवेशकों की गाढ़ी कमाई से अपना घर-कारोबार चमकाने वाले कंपनी संचालकों का लेखा-जोखा जुटाने की तैयारी शुरू हो गई है। एसपी भोजराम पटेल ने जिले के पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए जल्द से जल्द कंपनी संचालकों की चल-अचल संपत्तियों का ब्यौरा जुटाने कहा है। इन संपत्तियों का चिन्हांकन होने पर शासन की ओर से उन पर कुर्की की कार्रवाई कर ठगे जाने वाले आम लोगों की रकम वापसी की दिशा में कवायद सुनिश्चित की जा सकेगी।
एसपी भोजराम पटेल ने कहा कि लोक लुभावने लालच, प्रलोभन और वादा कर निवेशकों के अरबों रुपये का चंपत लगाने वाले चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध कार्रवाई करते हुए संचालकों को गिरफ्तार किया जाए। इसके साथ ही संचालकों के चल व अचल संपत्ति की पहचान व जानकारी संकलित की जाए। पुलिस कार्यालय स्थित सभागार में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कीर्तन राठौर और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में सभी थाना, चौकी और पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारियों की बैठक लेते हुए एसपी पटेल ने उक्त कही। उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनी से अनेक लोग छले जा रहे हैं। इन कंपनियों के संचालक अपने फायदे लिए आमजनों से प्रलोभन दिखा कर राशि वसूल रहे हैं। इससे लोगों को आर्थिक क्षति पहुंच रही है, वहीं मानसिक रूप से परेशान भी हो रहे हैं। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि कोरबा समेत प्रदेश की कई चिटफंड कंपनी के संचालक अवैध कारोबार का एक बड़ा जाल बिछाकर, लोक लुभावने प्रलोभन और संपत्ति को दोगुना-तीन गुना करने का लालच देकर अपने अधीनस्थों के माध्यम से निवेशकों की गाढ़ी कमाई का अरबो रुपये चंपत लगाकर फरार है। हालांकि कई संचालक वर्षों से सलाखों के पीछे जेल की सजा काट रहे हैं। हजारों निवेशकों की जीवन भर की पूंजी और गाढ़ी कमाई इनके अवैध कारोबार की भेंट चढ़ गई। इसकी वजह से हजारों परिवार अत्यंत आर्थिक संकट के दौर से गुजरने को मजबूर हो रहे हैं। बड़ी संख्या में ऐसे कई निवेशक आज भी अपनी रकम वापसी के इंतजार में भटकने को विवश हैं। उन्हें उनके मेहनत की कमाई वापस दिलाने कमर कसते हुए पुलिस गंभीरता से प्रयास करने जुट गई है।
एसपी पटेल ने अवैध कारोबार को जड़ से खत्म करने और प्रत्येक अवैध गतिविधियों पर नजर रखने एक मजबूत मुखबिर सिस्टम व बीट प्रणाली को दुरुस्त कर चप्पे-चप्पे निगाह रखने कहा है। निगरानी प्रणाली के सतत कार्य करने से असामाजिक तत्वों, अवैध कारोबारियों, तस्करों, माफिया, चोर-उचक्कों और गुंडा बदमाशों में खौफ का माहौल है। अवैध कारोबार में संलिप्त कई नामी बदमाश जिला छोड़ चुके हैं। चिटफंड कंपनियों के फरार आरोपियों के धरपकड़ के लिए एसपी की अगुवाई में एक विशेष पुलिस टीम का गठन भी किया जा रहा है जो पुष्ट सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने के लिए 24 घंटे तैयार रहेगी।
जिले में डेढ़ दर्जन से अधिक चिटफंड कंपनियों ने ढाई दशक तक कारोबार करते हुए हजारों लोगों का रकम निवेश कराते हुए लगभग 500 करोड़ रुपए की ठगी की है। बीते पांच साल के दौरान जिले में ऐसे 19 कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। ज्यादातर कंपनियों के डायरेक्टर फरार हैं, जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम जुटी हुई है। ठगे गए निवेशकों को रकम वापसी के लिए करीब दो साल पहले शासन से भी मांगी गई थी। तहसीलदारों को निवेशकों का ब्यौरा जुटाने का निर्देश दिया गया था। गांव-गांव में मुनादी कराई जाएगी। पटवारी चिटफंड कंपनियों के एजेंटों व निवेशकों से मिलकर ब्यौरा तैयार करेंगे। इसमें सामने आने वाले पीड़ित निवेशकों को ही रकम वापसी में प्राथमिकता दी जाएगी।
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