November 7, 2024

मुआवजा देने के लिए एसईसीएल प्रबंधन ने 10 दिनों की मांगी मोहलत

प्रबंधन पर भरोसा नहीं, इसलिए जारी रहेगा विरोधः प्रशांत

कोरबा 28 जुलाई। एसईसीएल के भूमिगत कोयला खदान क्षेत्रों में डिपीलरिंग व भू-धसान के कारण सुराकछार बस्ती के कई किसानों की जमीन खराब हो गई है। जो अब खेती लायक भी नहीं है। इसको लेकर माकपा व किसान सभा के नेताओं आंदोलन का ऐलान किया था।

मंगलवार को प्रभावित ग्रामीणों की समस्या को लेकर एसईसीएल प्रबंधन के बुलावे पर प्रभावित किसानों व संगठन के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक हुई। जिसमें एसईसीएल कोरबा एरिया के एपीएम एनके पटनायक, सुराकछार सब-एरिया मैनेजर परिमल मावावाला व रोहित श्रीवास्तव और संगठन की ओर से माकपा जिला सचिव प्रशांत झाए छत्तीसगढ़ किसान सभा के जवाहर सिंह कंवर व दीपक साहू, प्रभावित किसानों की ओर से महिपाल सिंह कंवर, गणेश राम चौहान व अन्य शामिल हुए। अधिकारियों ने मांगों के संदर्भ में स्थिति से अवगत कराते हुए मुआवजा वितरण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। लेकिन, दूसरी तरफ संगठन की ओर से कहा गया है कि भी जब तक मुआवजा नहीं मिलेगा। तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। हर दूसरे दिन सुराकछार गेट के सामने एसईसीएल सीएमडी का पुतला दहन किया जाएगा।

माकपा जिला सचिव प्रशांत झा ने कहा कि 100 अधिक ग्रामीणों की जमीन खराब हो चुकी है। मुआवजा नहीं मिल रहा है। प्रबंधन के अधिकारियों से वार्ता हुई है। जिसमें 10 दिन की मोहलत मांगी है। लेकिन, प्रबंधन का जिस तरह का रवैया है उससे भरोसा नहीं है। इसलिए जब तक मुआवजा नहीं मिलता है तब तक 29 जुलाई से हर दूसरे दिन एसईसीएल के सीएमडी का पुतला दहन किया जाएगा। फसल नुकसान के मुआवजे से जुड़ी ग्रामीणों की मांग को अनदेखी की शिकायत पहले माकपा व किसान सभा के नेताओं से की थी। लेकिन मंगलवार को हुई बैठक में प्रबंधन की ओर से संगठन के लोगों को बताया गया कि भू-धसान के चलते फसल नुकसानी के मुआवजा से जुड़ी फाइल एसडीएम कार्यालय से अब एसईसीएल मुख्यालय भेज दी गई है। इस जानकारी के बाद आंदोलन को टाला है। लेकिन विरोध जारी है।

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