November 22, 2024

अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट मिशन फेल

नईदिल्ली 12 अगस्त। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन – इसरो (ISRO) 12 अगस्त की सुबह पौने छह बजे नया इतिहास रचने से चूक गया. अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट (EOS-3) को GSLV-F10 रॉकेट ने उड़ान तो भरी लेकिन मिशन समय से 10 सेकेंड पहले ही खराब हो गया. मिशन कंट्रोल सेंटर को रॉकेट के तीसरे स्टेज में लगे क्रायोजेनिक इंजन से 18.29 मिनट पर सिग्नल और आंकड़ें मिलने बंद हो गए थे. इसके बाद मिशन कंट्रोल सेंटर में वैज्ञानिकों के चेहरों पर तनाव की लकीरें दिखने लगीं. थोड़ी देर तक वैज्ञानिक आंकड़ों के मिलने और अधिक जानकारी का इंतजार करते रहे. फिर मिशन डायरेक्टर ने जाकर सेंटर में बैठे इसरो चीफ डॉ. के. सिवन को सारी जानकारी दी.

इसके बाद इसरो ने घोषणा की कि मिशन आंशिक रूप से विफल रहा है. तत्काल इसरो द्वारा चलाया जा रहा लाइव प्रसारण बंद कर दिया गया. अगर यह मिशन कामयाब होता तो सुबह करीब साढ़े दस बजे से यह सैटेलाइट भारत की तस्वीरें लेना शुरु कर देता. इस लॉन्च के साथ इसरो ने पहली बार तीन काम किए थे. पहला- सुबह पौने छह बजे सैटेलाइट लॉन्च किया. दूसरा- जियो ऑर्बिट में अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट को स्थापित करना था. तीसरा- ओजाइव पेलोड फेयरिंग यानी बड़े उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजना.

EOS-3 (Earth Observation Satellite-3) को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-एफ 10 (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle-F10) से लॉन्च किया गया. यह रॉकेट 52 मीटर ऊंचा और 414.75 टन वजनी था. इसमें तीन स्टेज थे. यह 2500 किलोग्राम तक के सैटेलाइट को जियोट्रांसफर ऑर्बिट तक पहुंचाने की क्षमता रखता है. EOS-3 सैटेलाइट का वजन 2268 किलोग्राम है. EOS-3 सैटेलाइट अब तक का भारत का सबसे भारी अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट है. जियोट्रांसफर ऑर्बिट में जाने के बाद सैटेलाइट अपने प्रोपेलेंट की बदौलत खुद अपनी तय कक्षा में स्थापित होता लेकिन वह पहुंच ही नहीं पाया.

Spread the word