November 22, 2024

रेलवे क्रासिंग पर मालगाड़ियों के खड़े होने से जनता हो रही परेशान

कोरबा 19 अगस्त। रेल यात्री सुविधाओं को लेकर उपेक्षा की मार बर्दाश्त कर रहे कोरबा में समस्याएं और भी है। इसे लेकर रेलवे ठोस काम नहीं कर पा रहा है। शहर के ट्रांसपोर्ट नगर और शारदा विहार रेलवे क्रासिंग पर मालगाडिय़ों के अक्सर खड़े हो जाने के कारण लोग परेशानी झेल रहे हैं।

पावर सिटी की पहचान यहां-वहां रेलवे क्रासिंग की मौजूदगी के कारण भी है। हर 10-15 मिनट में क्रासिंग को बंद करने की नौबत रेल कर्मियों के सामने आ रही है। ऐसे में संबंधित रास्तों से आवाजाही करने वाले लोगों सहित वाहन चालकों को परेशान होना पड़ता है। खासतौर पर नगर के ट्रांसपोर्ट नगर और शारदा विहार क्रासिंग पर मालगाडिय़ों के अक्सर रूक जाने की घटनाएं पिछले कई दिनों से बनी हुई है। इसके चलते दोनों दिशाओं के साथ-साथ मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक जाम की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जरूरी कार्यों से आना-जाना करने वाले लोगों को मालगाडिय़ों के जाम होने से यह समझ नहीं आता कि वे यहां पर कितनी देर रूके और इंतजार करे। इस स्थिति में ज्यादा विलंब होने पर लोगों को दूसरी तरफ जाने के लिए कई किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है। इसमें जहां महंगा इंधन जाया होता है वहीं अतिरिक्त समय भी लगता है। लगातार हो रही परेशानी को देखते हुए लोगों ने अब इस मामले में रेल अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू किया है। रेलवे क्रासिंग पर खड़ी होने वाली मालगाड़ियों जाम की कुल अवधि और परेशान होते लोगों की तस्वीरें अधिकारियों को अलग-अलग माध्यम से साझा की जा रही है। इसके जरिए उन्हें वास्तविकता बताने का प्रयास हो रहा है। लोग यह भी जानना चाहते हैं कि इस बारे में अधिकारियों के पास क्या तर्क है और क्या जवाब। रेल संघर्ष समिति से जुडक़र काम करने वाले लोगों ने रेलवे संबंधित समस्याओं को निराकृत करने के लिए अब तेजी से काम करना प्रारंभ किया है।

क्रासिंग पर लगने वाले जाम की जानकारी कोरबा के क्षेत्रीय रेल प्रबंधक को दी गई। इस पर एआरएम प्रभात कुमार ने अवगत कराया कि अगर ऐसा हो रहा है तो गलत है। लोगों को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है। तकनीकी खामियों को ठीक किया जाएगा ताकि मालगाडिय़ां पटरी पर चले ना कि कहीं भी खड़ी हो जाए। रेल अधिकारियों की मानें तो कोरबा शहरी क्षेत्र में रेलवे क्रासिंग पर मालगाडिय़ों को लेकर जो समस्या बनी हुई है, वह सीएसईबी और बालको के रूट पर है। खाली गाडिय़ां आसानी से पार हो जाती है जबकि कोयला और अन्य खनिज लेकर संयंत्र को जाने के दौरान मालगाड़ियों के सामने चढ़ाई वाले हिस्से में परेशानी पेश आती है। ऐसे में एक्ट्रा पावर के साथ मालगाड़ियों को यहां से आगे बढ़ाया जाता है। अधिकारी ने इस बात से इंकार किया कि खाली गाडिय़ां आवाजाही के दौरान क्रासिंग पर खड़ी नहीं होती।

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