November 24, 2024

राजीव गांधी किसान न्याय योजना : किसानों के खातों में जमा हुई 22 करोड़ 3 लाख रूपए से अधिक की कृषि आदान सब्सिडी

  • मुख्यमंत्री बघेल ने योजना के तहत आज जारी की दूसरी किश्त
  • जिले के 29 हजार 950 किसान हुए लाभान्वित, चार किश्तों में मिलेंगे 81 करोड़ 16 लाख रूपए
  • गौ धन न्याय योजना के तहत तीन लाख 40 हज़ार रुपए से अधिक की राशि भी वितरित

कोरबा 20 अगस्त 2021. पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की जयंती पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों केे खातों में कृषि आदान सब्सिडी की दूसरी किश्त के रूप में 22 करोड़ तीन लाख 74 हजार रूपए अंतरित किए। पहली किश्त के रूप में भी जिले के किसानों के खातों में 22 करोड़ तीन लाख 56 हजार रूपए जमा कराए जा चुके हैं। दो किश्तों को मिलाकर कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 44 करोड़ सात लाख रूपए से अधिक की कृषि आदान सब्सिडी मिल चुकी है। जिले के किसानों को इस योजना से चार किश्तों में 81 करोड़ 16 लाख 26 हजार रूपए की सहायता मिलेगी। गोधन न्याय योजना के तहत जिले के नौ हजार 861 गोबर विक्रेताओं को योजना के प्रारंभ से लेकर 31 जुलाई 2021 तक कुल दो करोड़ 95 लाख से अधिक की राशि का वितरण किया जा चुका है। श्री भूपेश बघेल ने आज जिले के 208 हितग्राहियों को इस पखवाड़े के तीन लाख 40 हजार से अधिक की राशि का वितरण किया।
वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीमंडल के सदस्य भी शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति की रक्षा एवं उसके विकास के लिए संकल्पित है तथा प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। श्री भूपेश बघेल ने बताया कि किसानों को धान के फसल का लाभदायक मूल्य मिलने से उनका रूझान खेती-किसानी की ओर बढ़ा है और किसानों में खुशी का माहौल है।

राजधानी के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से संचालित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक साथ छत्तीसगढ़ के 22 लाख किसानों को दूसरी किश्त के रूप में एक हजार 500 करोड़ रूपए से अधिक की कृषि आदान सहायता राशि का अंतरण किया।
पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत इस वर्ष कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 81 करोड़ 16 लाख रूपये से अधिक की सहायता चार किस्तों में मिलेगी। यह सहायता किसानों के बैंक खातों में सीधे जायेगी। इस योजना के तहत वर्ष 2020-21 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित धान फसल के किसानों को सहायता राशि दी जा रही है। इस योजना के तहत पिछले वर्ष कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि मिली है।

धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर मिलेगी प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी

छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2021 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020 से आगामी वर्षों में धान की खेती पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ नौ हजार रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य तीन हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी तरह वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों किसानों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। खरीफ सीजन 2020 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा खरीफ सीजन 2021 से धान को छोड़कर कोई दूसरी चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी।

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