November 25, 2024

ओवहरबर्डन से रेत उत्पादन की अनूठी पहल शुरू, कम कीमत पर होगा उपलब्ध

कोरबा 22 अगस्त। साउथ इस्टर्न कोलफिल्ड्स लिमिटेड एसईसीएल की मानिकपुर कोयला खदान से निकली मिट्टी से रेत उत्पादन किया जाएगा। यह रेत वर्तमान बाजार दर से चार से पांच गुनी कम कीमत पर आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। रेत उत्पादन के लिए ठेके की निविदा जारी कर दी गई है।

कोल इंडिया लिमिटेड सीआइएल ने खदान से निकलने वाली मिट्टी ओवहरबर्डन से रेत उत्पादन की अनूठी पहल शुरू की है। इसके लिए एसईसीएल के मानिकपुर खदान का चयन किया गया है। खदान के एक किलोमीटर के दायरे में हसदेव नदी होने की वजह से यहां निकलने वाले मिट्टी में रेत की मात्रा अधिक है। इसे दृष्टिगत रख सबसे पहले रेत उत्पादन की प्रक्रिया यहीं से शुरू की जा रही है। प्रबंधन ने इसके लिए निविदा जारी कर दिया है। ओवहरबर्डन स्थल पर ही करीब 10 एकड़ भूमि ठेका लेने वाली निजी कंपनी को उपलब्ध कराया जाएगा। एक नवंबर तक काम शुरू होने की संभावना जताई जा रही। ओवहरबर्डन की मिट्टी को कूचल कर, छान कर और साफ करके बालू में परिवर्तित किया जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक मशीन का इस्तेमाल किया होगा। बारिश के मौसम में लोग तीन हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर की दर से रेत खरीदने को मजबूर है। एसईसीएल प्रबंधन महज 600 रूपये प्रति ट्रैक्टर के हिसाब से रेत उपलब्ध कराएगी।

नौ खदानों से तीन लाख घनमीटर का लक्ष्यः-मानिकपुर के अलावा दीपका समेत अन्य खदानों के ओवहरबर्डन से रेत उत्पादन करने की कोल इंडिया की योजना है। निकट भविष्य में प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में से एक बनने के लिए अगले पांच वर्षों का रोडमैप तैयार किया गया है। कंपनी ने नौ खदानों से तीन लाख घनमीटर रेत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस प्रयास से न केवल समाज को बड़े पैमाने में सहायता प्राप्त होगी, बल्कि नदी तल से रेत उत्खनन में कमी लाने में भी मदद मिलेगी। निर्माण कार्य के लिए सस्ता रेत तो बाजार में उपलब्ध होगा ही, साथ ही ओवहरबर्डन के लिए होने वाली जमीन की कमी भी दूर होगी। पर्यावरण प्रदूषण में भी कमी आएगी।

क्या है ओवहरबर्डनः-खुली खदान के कोयले की परत के उपर के स्तर को ओवहरबर्डन कहा जाता है। यह मिट्टी, बलूवा पत्थर के साथ समृद्ध सिलिका सामाग्री से युक्त होता है। नीचे से कोयला निकालने व छांटने के लिए ओवहरबर्डन को हटाया जाता है। कोयला निकालने की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ओवहरबर्डन का उपयोग भूमि को उसके मूल आकार में लाने के लिए बैक फिलिंग कार्य के लिए किया जाता है।

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