कर्मचारियों- अधिकारियों की हड़ताल के चलते शासकीय कामकाज पूरी तरह ठप्प रहे
रायपुर 3 सितम्बर। महंगाई भत्ता को लेकर आज कर्मचारियों व अधिकारियों की हड़ताल के चलते शासकीय कामकाज पूरी तरह ठप्प हो गया है। प्रदेश के लाखों कर्मचारी, अधिकारी व शिक्षक आंदोलन के समर्थन में हड़ताल पर हैं। राजधानी में मंत्रालय – सचिवालय के कर्मचारी-अधिकारी भी हड़ताल पर हैं, जिसके चलते यहाँ का कार्य भी बाधित हो गया है।
कर्मचारी संगठनों ने दिया हड़ताल को समर्थन
प्रदेश के अधिकांश कर्मचारी संगठनों के अलावा शिक्षक फेडरेशन और कई शिक्षक संगठनों ने भी इस हड़ताल को समर्थन दिया है। हड़ताल की वजह से विभागों में कामकाज आज बुरी तरह से प्रभावित रहा, वहीं कई स्कूलों में भी ताले लटके नजर आये। छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के अध्यक्ष कमल वर्मा ने बताया कि मंत्रालय और सचिवालय के तमाम कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर हैं और यहाँ के समस्त कार्यालयों का कामकाज पूरी तरह ठप्प है।
जिलों में भी कामकाज प्रभावित
इस हड़ताल के चलते प्रदेश के समस्त जिलों के सरकारी कार्यालयों में कामकाज प्रभावित रहा, वहीं स्कूलों में भी ताले लटके रहे। बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर, सरगुजा, बस्तर सहित सभी जिलों में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
गौरतलब है की इससे पहले कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के आह्वान पर प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने 25 अगस्त से 31 अगस्त तक काली पट्टी लगाकर काम किया। फेडरेशन ने चेतावनी दी थी कि अगर महंगाई भत्ता समेत अन्य मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 3 सितंबर को एक दिवसीय हड़ताल पर चले जायेंगे।
क्या है इनकी मांगें..?
प्रदेश के कर्मचारियों का जुलाई 2019 देय तिथि से महंगाई भत्ता सहित कुल 28% महँगाई भत्ता सरकार ने लंबित रखा है। वेतन विसंगति, पदोन्नति, समयमान वेतनमान, 7 वे वेतनमान का बकाया एरियर्स/ गृहभाड़ा भत्ता, चार स्तरीय वेतनमान स्वीकृति, पेंशनर्स के मुद्दों सहित अन्य माँगे लंबित हैं। कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले प्रदेश के कई कर्मचारी संगठनों द्वारा आंदोलन को समर्थन दिया जा रहा है, यही वजह है कि अर्से बाद इस तरह की हड़ताल का पूरे प्रदेश में व्यापक प्रभाव पड़ा है।