गोबर खरीदी का रखा जाएगा पूरा हिसाब, लापरवाही बर्दाश्त नहीं, हरेली त्यौहार से शुरू होगी योजना, कलेक्टर ने की तैयारियों की समीक्षा

बैठक में कलेक्टर ने निर्देशित किया कि गौठानों को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मुख्य केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समग्र रूप से आर्थिक गतिविधियां संचालित की जायें। गौठान समिति के सदस्यों और स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षित किया जाये। उन्होंने कहा कि गोबर खरीदी के लिए पशुपालकों को दिए जाने वाले खरीदी पत्रक या कार्ड को पर्याप्त मात्रा में गौठान समितियों को उपलब्ध कराया जाये। श्रीमती कौशल ने जिले के जिन गांवों में गौठान नहीं बने हैं वहां गौठानों के निर्माण के लिए भूमि चिन्हांकित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने गोधन न्याय योजना की शुरूआत के दौरान गौठानों में गोबर तौलने के लिए तौल मशीन या पांच किलो, दस किलो, बीस किलो के बांस के बने झउआ या टोकरी की भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने बड़े फ्लैक्स पर गोधन न्याय योजना से संबंधित गौठान समितियों के सदस्यों की जानकारी, गोबर खरीदने के समय, गोबर की दर आदि का स्पष्ट उल्लेख गौठानों में करने के निर्देश दिए। श्रीमती कौशल ने खरीदे गये गोबर को व्यवस्थित एवं सुरक्षित रखने के इंतजाम भी गौठानों में करने के निर्देश दिए। उन्होंने खरीदे गये गोबर को 15 से 20 दिन तक अपगठित होने के बाद ही वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए टांकों में डालने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बैठक में गोबर खरीदने से लेकर कम्पोस्ट बनाने तक की सभी गतिविधियों के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कोविड प्रोटोकाल का पालन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन के लिए राज्य शासन द्वारा जारी किये गये दिशा निर्देशों की भी पूरी जानकारी सभी अधिकारी-कर्मचारियों को दी गई।
